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एक ही समय पर रूस-अमेरिका-ब्रिटेन के राजनयिक भारत में मौजूद

यूक्रेन पर भारत की स्थिति को लेकर कूटनीतिक प्रयास तेज होने के बीच, अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह नई दिल्ली पहुंचे हैं, जबकि गुरुवार को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और ब्रिटिश विदेश सचिव लिज ट्रस पहुंच चुके हैं. ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज ट्रस (UK Foreign Secretary Liz Truss) भारत में हैं, पिछले महीने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण (Russia’s invasion of Ukraine) के बाद एक व्यापक राजनयिक दौरों का सिलसिला शुरू हुआ है. इसी क्रम में लिज़ ट्रस की यात्रा को देखा जा सकता है.

UK Foreign Secretary Liz Truss
ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज ट्रस

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Published : Mar 31, 2022, 5:08 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 6:19 PM IST

नई दिल्ली: यूक्रेन पर भारत की स्थिति को लेकर कूटनीतिक प्रयास तेज होने के बीच, अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह तब नई दिल्ली पहुंचे हैं, जब गुरुवार को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और ब्रिटिश विदेश सचिव लिज ट्रस के वहां होने की उम्मीद है. ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज ट्रस (UK Foreign Secretary Liz Truss) की दिल्ली यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन पर रूस के आक्रमण (Russia’s invasion of Ukraine) से निपटने के लिए अगले सप्ताह NATO और G7 की बैठकें होने वाली हैं. ब्रिटिश उच्चायोग के अनुसार, ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज़ ट्रस भारत के साथ सुरक्षा और रक्षा संबंधों को गहरा करने के लिए यहां आई है. वह दोनों देशों को साइबर हमलों से बचाने के लिए एक नए संयुक्त साइबर कार्यक्रम की घोषणा करने वाली है.
अपनी वार्ता के दौरान, विदेश सचिव वैश्विक असुरक्षा के समय में रूस पर सामरिक निर्भरता को कम करने वाले सभी देशों के महत्व को इंगित करेगी. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ आज बाद में एक बैठक में, विदेश सचिव की यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर बातचीत होने की संभावना है. जिसमें रूसी आक्रामकता को रोकने, यूक्रेन पर हो रही जबरदस्ती और वैश्विक सुरक्षा संबंधी खतरों पर भी बात हो सकती है. अपनी यात्रा के दौरान, ट्रस दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत करने, नवीन सुरक्षा प्रौद्योगिकी सहित रक्षा से संबंधित व्यापार को विकसित करने के लिए बातचीत को आगे बढ़ाएगी. विदेश मंत्रालय ने कहा कि ट्रस आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय परामर्श करेंगी. वह इंडिया-यूके स्ट्रैटेजिक फ्यूचर्स फोरम के उद्घाटन संस्करण में भी भाग लेंगी, जो दोनों देशों के बीच इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स एंड पॉलिसी एक्सचेंज, यूके द्वारा आयोजित ट्रैक 1.5 डायलॉग है.

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04 मई 2021 को दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच आयोजित भारत-यूके वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान भारत-ब्रिटेन संबंध एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिए तैयार हुआ था. वर्चुअल समिट के बाद यूके के विदेश सचिव की यह दूसरी भारत यात्रा होगी. वर्चुअल समिट के दौरान शुरू किए गए रोडमैप 2030 पर प्रगति का आकलन करने का अवसर प्रदान करेगी. यह यात्रा व्यापार और निवेश, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु सहयोग, शिक्षा और डिजिटल संचार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी को और गहरा करने का काम करेगी.
यूक्रेन संकट के सभी पक्ष भारत के समर्थन की कर रहे हैं मांग:यूक्रेन पर भारत की स्थिति को लेकर कूटनीतिक प्रयास तेज होने के बीच, अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह तब नई दिल्ली पहुंचे हैं, जब गुरुवार को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और ब्रिटिश विदेश सचिव लिज ट्रस के वहां होने की उम्मीद है. व्हाइट हाउस के संचार निदेशक केट बेडिंगफील्ड ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस के अनुचित युद्ध के परिणामों और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए समकक्षों के साथ मिलकर परामर्श करेंगे.

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भारत संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन से संबंधित सात प्रस्तावों पर तटस्थ रहा है. हालांकि नई दिल्ली ने 'संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और संप्रभुता और क्षेत्रीयता का सम्मान करने की आवश्यकता' पर जोर देकर रूस के आक्रमण की आलोचना की है. इसके अलावा भारत में मेक्सिको के विदेश मंत्री मासेर्लो एब्रार्ड कासाबोन हैं, जिन्होंने फ्रांस के साथ यूक्रेन की मानवीय स्थिति पर महासभा में एक प्रस्ताव को प्रायोजित किया. भारत ने उस प्रस्ताव से परहेज किया लेकिन इसे भारी बहुमत से पारित कर दिया गया है.
यूक्रेन संकट के सभी पक्ष भारत के समर्थन की मांग कर रहे हैं और इसके कारण वरिष्ठ राजनयिक नई दिल्ली में जुट गए हैं. पिछले हफ्ते चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत आए थे और बुधवार को जर्मन विदेश और सुरक्षा नीति सलाहकार जेन्स प्लॉटनर वहां मौजूद थे. हालांकि चीन ने रूस को असहज समर्थन दिया है, लेकिन उसने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि विकासशील देशों पर पक्ष लेने के लिए दबाव नहीं डाला जाना चाहिए. हालांकि सिंह की भूमिका को मुख्य रूप से राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रतिबंध प्रमुख के रूप में देखा जाता है, बेडिंगफील्ड ने उस पहलू पर ध्यान केंद्रित करने की मांग की, जिससे यह संकेत मिलता है कि नई दिल्ली में उनकी चर्चा यूक्रेन से आगे जाएगी.

Last Updated : Mar 31, 2022, 6:19 PM IST

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