नई दिल्ली : वाशिंगटन की एक संघीय अदालत ने ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी के एक मुकदमे को खारिज करने की मांग वाली भारत सरकार की याचिका पर जवाब देने के लिए समयसीमा तय की है.
गौरतलब है कि एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने भारत सरकार को केयर्न को 1.2 अरब डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया था. इस आदेश को लागू करवाने के लिए ब्रिटिश ऊर्जा कंपनी ने अमेरिका की अदालत में मुकदमा दायर किया है.
डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया की अमेरिकी जिला अदालत के न्यायाधीश रिचर्ड जे लियोन ने केयर्न को सरकार की 'मोशन टू डिसमिस' (मुकदमा निरस्त करने की याचिका) याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए 10 सितंबर तक का समय दिया है.
इसके बाद भारत सरकार एक अक्टूबर तक अपनी याचिका के समर्थन में जवाब दाखिल कर सकती है.
अदालत के 25 अगस्त के आदेश के अनुसार, केयर्न इसके बाद 20 अक्टूबर तक जवाब दे सकती है और फिर भारत सरकार को अपने याचिका के समर्थन में अपना जवाब दाखिल करने के लिए और दो महीने का समय दिया गया है.
केयर्न ने इस साल मई में एक अमेरिकी संघीय अदालत में मामला दायर कर मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फेसले के मुताबिक एयर इंडिया को उसे 1.26 अरब डॉलर देने के आदेश का पालन करने के लिए आदेश दिये जाने का आग्रह किया. अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने दिसंबर, 2020 में केयर्न के पक्ष में यह आदेश दिया था.
सरकार ने 13 अगस्त को डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया की अमेरिकी जिला अदालत में एक 'मोशन टू डिसमिस' याचिका दायर की, जिसमें कहा कि केयर्न और भारतीय कर प्राधिकरण के बीच विवाद उसके न्यायाधिकार क्षेत्र में नहीं आता.