जमशेदपुर: अमेरिकी महावाणिज्यदूत मेलिंडा पावेक 25 अगस्त को आउटरिच विजिट के तहत एक्सएलआरआई जमशेदपुर कैंपस पहुंची. इस दौरान उन्होंने एक्सएलआरआई प्रबंधक, विद्यार्थियों और प्रोफेसर से वार्ता की. साथ ही भारतीय और अमेरिकी शिक्षण संस्थानों के बीच साझा प्रयास से शिक्षा और रिसर्च को बढ़ावा देने पर जोर दिया. इससे पूर्व एक्सएलआरआई के डीन एकेडमिक्स प्रो संजय पात्रो ने एक्सएलआरआई में मौजूद कोर्स, उसकी विरासत और पूरी दुनिया के विभिन्न देशों और शहरों में एक्सएलआरआई के पूर्ववर्ती विद्यार्थियों के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अमेरिका के सिर्फ न्यूयॉर्क में एक्सएलआरआई के करीब 400 पूर्ववर्ती विद्यार्थी कार्यरत हैं.
अमेरिकी महावाणिज्यदूत मेलिंडा पावेक ने किया XLRI जमशेदपुर का विजिट, कहा- अमेरिका और भारत शिक्षा और रिसर्च को बढ़ावा देने के प्रति गंभीर - एजुकेशनल सिस्टम
XLRI जमशेदपुर के विजिट पर अमेरिकी महावाणिज्यदूत मेलिंडा पावेक पहुंची थीं. इस दौरान उन्होंने एक्सएलआरआई में वार्ता के दौरान अमेरिका और भारत के साझा प्रयास से शिक्षा और रिसर्च को बढ़ावा देने पर जोर दिया. साथ ही उन्होंने स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम को गति प्रदान करने की बात कही.
Published : Aug 29, 2023, 7:16 PM IST
पावेक ने स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम पर दिया जोरः अमेरिकी महावाणिज्यदूत मेलिंडा पावेक ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी और भारतीय शिक्षण संस्थानों में बेहतर शिक्षा और रिसर्च के प्रति गंभीर हैं. दोनों देश शिक्षा और रिसर्च को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार सकारात्मक प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम को गति प्रदान करने की जरूरत है. पावेक ने कहा कि अमेरिका में फिलहाल करीब 20 हजार भारतीय पढ़ाई कर रहे हैं. विकासशील छात्रों को अपने देश के प्रति अच्छी समझ भी है. पावेक ने कहा कि अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी का सपना है कि अधिक से अधिक अमेरिकी छात्र भारत आएं और वे भारत की विविधता, ऊर्जा यहां के लोगों के टैलेंट को करीब से जानें. स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम से दोनों देशों के विद्यार्थियों का फायदा होगा और साथ ही हॉलिस्टिक ग्रोथ भी होगा.
एकेडमिक कैलेंडर को साझा प्रयास से बदलने की जरूरतःवहीं विद्यार्थियों से बातचीत के क्रम में मेलिंडा पावेक ने कहा कि हमारी एजुकेशनल सिस्टम और एकेडमिक कैलेंडर में काफी अंतर है. एकेडमिक कैलेंडर को साझा प्रयास से तैयार करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिकी शिक्षण संस्थानों का कैलेंडर इस प्रकार हो कि दोनों देश के विद्यार्थी समर इंटर्नशिप पर अलग-अलग देशों में जा सकें. पावेक ने विभिन्न सेमेस्टर को भी नए सिरे से डिजाइन करने पर बल दिया.
वीजा प्रोसेस को सुगम बनाने के किए जा रहे प्रयासःवहीं इस मौके पर मेलिंडा पावेक से एक प्रोफेसर ने पूछा कि अमेरिकी वीजा एप्लीकेशन प्रोसेस में देरी की क्या वजह है. वहीं प्रोफेसर के सवाल के जवाब में पावेक ने कहा कि यूएस मिशन इन इंडिया के लिए एजुकेशन एंड रिसर्च कोलैब्रेशन करना सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. वीजा टीम कम से कम समय में वीजा के लिए इंटरव्यू ले और वीजा दिया जाए इसके लिए कार्य किए जा रहे हैं. पहली बार वीजा लेने में तमाम दस्तावेजों की जांच और अन्य जांच में देर होती है, लेकिन वीजा प्रॉसेस को सुगम बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.