नई दिल्ली : पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. दरअसल, तालिबान लड़ाकों की आड़ में पाकिस्तानी एजेंटों की एक टीम काबुल में भारतीय लिंक और कनेक्शन का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान चला रही है, उर्दू भाषी 'तालिबान' ने काबुल में भारतीय वाणिज्य दूतावास के ठीक सामने आंतरिक मंत्रालय की प्राचीन इमारत को अपना मेन बेस बनाया हुआ है.
युद्धग्रस्त देश के एक शीर्ष सूत्र ने ईटीवी भारत को बताया कि तालिबानी लड़ाके पश्तूनी भाषा बोलते है, लेकिन उनके विपरीत यह तालिबान के वेश में उर्दू भाषी लोगों की एक टीम है, जो अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (NDS) की विशाल इमारत में रखे गये कागजातों को तलाश ली. वे भारतीय संबंधों और कनेक्शनों का पता भी लगा रहे हैं.
एनडीएस अफगानिस्तान के सुरक्षा प्रतिष्ठान का खुफिया मुख्यालय है. दर्जनों कार्यालय ब्लॉक वाले एनडीएस भवन काबुल में चीनी दूतावास के सामने एक विस्तृत क्षेत्र में स्थित है. उर्दू पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा होने के कारण केवल इस बात की पुष्टि हुई है कि तालिबान की आड़ में पाकिस्तानी एजेंट काबुल में छापे और तलाशी अभियान चला रहे हैं.
एनडीएस मुख्यालय और एनडीएस का डेटा विश्लेषण केंद्र जो कि मुख्य खुफिया सूचना केंद्र है. एनडीसी के मुख्यालय में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के एक बाद उर्दू भाषा में बातचीत करने वाले पाकिस्तानी एजेंटो ने तोड़-फोड़ की. इसके अलावा उन्होंने वहां पर रखे गए कागजातों को खंगाला गया. इतना ही नहीं उन्होंने कुछ कागजातों का नष्ट भी कर दिया और कुछ कागजातों को पाकिस्तान भेज दिया.