नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र 2023 का पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ गया. भारतीय लोकतंत्र के बारे में राहुल गांधी की टिप्पणी पर सत्ता पक्ष के सदस्यों और अडाणी मुद्दे से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण शुक्रवार को भी राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. सुबह 11 बजे उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व सदस्य कर्णेंदु भट्टाचार्य के निधन का उल्लेख किया. सदन में मौजूद सदस्यों ने भट्टाचार्य के सम्मान में कुछ पलों का मौन रखा और उन्हें श्रद्धांजलि दी.
इसके बाद सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. सभापति ने इसी बीच, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से उठाए गए व्यवस्था के प्रश्न के तहत पर सदन के नेता पीयूष गोयल को 13 और 14 मार्च को सदन में किए गए दावों को प्रमाणित करने का निर्देश दिया. धनखड़ ने कहा, 'विपक्ष के नेता द्वारा उठाए गए व्यवस्था के प्रश्न के संबंध में, मुझे लगता है कि सदन के नेता को इस मुद्दे पर 13 और 14 मार्च को उनके द्वारा किए गए दावों को प्रमाणित करने का निर्देश देना उचित है.'
धनखड़ ने कहा कि अडाणी समूह से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की सरकार की विफलता को लेकर 11 सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है. उनके मुताबिक नोटिस देने वालों में कांग्रेस के नीरज डांगी, अखिलेश प्रसाद सिंह, कुमार केतकर, सैयद नासिर हुसैन, रंजीत रंजन, के सी वेणुगोपाल और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सहित कुछ सदस्य शामिल थे. धनखड़ ने कहा कि बहुत सोच विचार करने के बाद उन्होंने किसी भी नोटिस को स्वीकार नहीं किया है.
सभापति के यह कहने पर विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरु कर दी. इसी दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राहुल गांधी की भारतीय लोकतंत्र को लेकर लंदन में की गई उनकी टिप्पणी का मुद्दा उठाया और यह कहते हुए हंगामा करने लगे कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष माफी मांगें. धनखड़ ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की, लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने बैठक 11 बजकर करीब 17 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.