कवर्धा: धर्म नगरी कवर्धा में आए दिन जाति और धर्म के नाम पर विवाद होते रहता है. इस बार शहर में आदिवासी समाज के सतरंगी झंडे के अपमान को लेकर पर बवाल मचा है. प्रदर्शन के दौरान गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बाच झड़प हो गई है. इस दौरान भीड़ ने एसपी, एएसपी समेत 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
क्या था पूरा मामला:गोंडवाना समाज का आरोप है कि "14 फरवरी 23 को दुर्गे भगत के द्वारा हारमों में गोंडवाना समाज के झंडे का अपमान किया गया था." जब कवर्धा के हरमो में एक समाज पर सतरंगी झंडे का आपमान करने का आरोप लगा. उसके बाद से गोंडवाना समाज उग्र हो गया. उसने इस मामले में तीन मार्च को विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया गया था.
प्रदर्शन के दौरान मचा बवाल: आज शुक्रवार को लेकर विरोध प्रदर्शन गोंडवाना समाज की तरफ से किया जा रहा था. गोंडवाना समाज समाज के जिला अध्यक्ष जे लिंगो के अगुवाई में गोंडवाना समाज द्वारा दुर्गे भगत की गिरफ्तारी को लेकर मांग की गई और रैली निकाली जा रही थी, तभी बवाल मच गया. समाज के लोगों पर पुलिस पर पथराव का आरोप लगा है. यहां हालात बिगड़ते देख पुलिस बल की तैनाती की गई. मौके पर कलेक्टर जन्मेजय महोबे, एसपी डॉ लाल उमेश सिंह ने आंदोलनकारियों को समझाने की कोशिश भी की. लेकिन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के समर्थक उग्र हो गए. जिसके बाद पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच झड़प हो गई.
पहले से तय थी आंदोलन की रूप रेखा:गोंडवाना समाज के लोग तीन मार्च को यहां सभा करने के बाद राजनांवगांव में सभा करने वाले थे. बाइक रैली के माध्यम से चिखली होते हुए फिर से हरमों में झंडे की स्थापना करनी थी और प्रशासन को ज्ञापन सौंपना था.
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एसपी लाल उमेद सिंह का क्या है बयान: एसपी लाल उमेद सिंह ने बताया कि" पूजा स्थल पर समाज के लोगों के द्धारा पूजा किया जाता है. 14 फरवरी को यहां झंडा हटाने का काम किया गया था. बाद में इसमें गोंडवाना पार्टी के द्धारा राजनवागांव में सभा था. फिर यहां पूजा करने आना था. जब यह लोग सभा निकाल रहे थे. यहां बवाल हुआ. यहां गांव के लोग पहले से पूजा और कीर्तन किया जा रहा था. यहां बैरिकेड लगाया गया. महिलाएं और बच्चे पूजा स्थल पर मौजूद थे. फिर यह लोग यहां आ रहे थे तो इन्हें रोका गया. उसके बाद पथराव किया गया. उसके बाद आंसू गैस छोड़े गए. गांव वाले जहां पर पूजा करते हैं वहां पर गोंडवाना समाज के लोग अपनी पार्टी का झंडा लगाने का काम करना चाहते हैं. लेकिन गांव के लोगों का मानना है कि यहां पूजा स्थल है. पूजा के स्थान पर किसी राजनीतिक दल का झंडा नहीं होगा. पूजा और झंडे को लेकर यहां विवाद हुआ."
हंगामे के बाद मौके पर पहुंची प्रशासन और मेडिकल टीम: हंगामे के बाद मौके पर मेडिकल टीम और प्रशासन के अधिकारी पहुंच गए हैं. एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल भेजा गया है. इस घटना में घायलों की संख्या बढ़ सकती है. अतिरिक्त पुलिस फोर्स की टीम ने मौके पर हालात को संभालना शुरू कर दिया है. देर शाम से घायलों को पहले थाने लाया गया. फिर उन्हेंकवर्धा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने अभी स्थिति के काबू में होने का दावा किया है. वही पुलिस कर्मियों के द्वारा घटनास्थल के आने जाने वाली सभी मार्ग को बंद कर दिया गया है.