नई दिल्ली :संसद की कार्यवाही शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के ऊपर दोनों ही सदनों में 'हल्ला बोल की नीति' अपनाते हुए हमला बोल दिया. एक तरफ विपक्षी सांसद अडाणी और विपक्षी नेताओं पर ईडी और सीबीआई के तरफ से की जा रही जांच का मामला उठा रहे थे, वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के सांसद 'राहुल गांधी माफी मांगो' के नारे लगा रहे थे. हंगामा बढ़ते देख लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों की कार्यवाही 14 मार्च तक स्थगित कर दी गई.
कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा कि सदन के नेता पीयूष गोयल ने राहुल गांधी से संबंधित जो बयान दिया है उसे कार्यवाही से अधिकारिक तौर पर निकाल दिया जाना चाहिए क्योंकि राहुल गांधी राज्यसभा के नेता नहीं हैं. इस पर बीजेपी के सांसदों का हंगामा और भी ज्यादा बढ़ गया. बीजेपी के सांसद लगातार 'राहुल गांधी माफी मांगो' और 'राहुल गांधी शर्म करो' के नारे लगा रहे थे. यही हाल कमोबेश लोकसभा में भी दिखा जहां लोकसभा के भाजपा सांसद लगातार राहुल गांधी से माफी मांगने की बात कर रहे थे. हालांकि राहुल गांधी फिलहाल देश नहीं लौटे हैं और कांग्रेस पार्टी ने ऐसा पहले कहा था कि वह 14 मार्च को भारत वापस आ जाएंगे.
राज्यसभा में हंगामा :सोमवार को ब्रेक के बाद जैसे ही संसद का बजट सत्र (budget session 2023) शुरू हुआ राज्यसभा में हंगामा शुरू हो गया, जहां सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के सांसदों ने 'राहुल गांधी माफी मांगो' के नारे लगाए वहीं विपक्ष के सांसदों ने 'मोदी-अडाणी भाई भाई' और 'वी वांट जेपीसी' के नारे लगाना शुरू कर दिए. ना सत्ता पक्ष और ना ही विपक्ष के सांसद सभापति की बात सुनने को राजी थे. हालांकि इसी दौरान सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी राहुल गांधी से माफी मांगने संबंधित वक्तव्य दिया, वहीं कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अपनी बात हंगामे के बीच रखी. कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने भी यह आरोप लगाया कि इतिहास में पहली बार यह देखने को मिल रहा है कि सत्ताधारी पार्टी की वजह से सदन नहीं चल पा रहा है.
उधर, लोकसभा में कार्यवाही की शुरुआत होते ही भाजपा सांसदों ने 'राहुल गांधी शर्म करो' और 'राहुल गांधी माफी मांगो' के नारे लगाने शुरू कर दिए जिसके बदले विपक्ष के नेता 'मोदी अडाणी भाई भाई' और जेपीसी की मांग करते रहे. दोनों सदनों के अंदर ही नहीं बल्कि भाजपा के सांसदों ने सदन से बाहर निकल कर भी राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं, विपक्ष के लगभग 16 पार्टियों के सांसदों ने भी लामबंद होकर संसद से विजय चौक तक मार्च किया. फिर वह मीडिया से मुखातिब हुए.
कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी के विदेश में भारत के लोकतंत्र और भारत के सरकार पर दिए गए बयान को किसी भी तरह वापस लेने या माफी मांगने को तैयार नजर नहीं आ रही है. बहरहाल इस बार सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी भी पूरी तरह से अटैकिंग मोड में नजर आ रही है.
सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी ने पिछले सत्र के बाद ही यह तय किया था कि विपक्ष हंगामा करता है तो सत्ताधारी पार्टी के नेता भी उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे. हालांकि बजट सत्र के ब्रेक के बाद सोमवार को संसद का पहला ही दिन था. इस बीच सरकार को कई महत्वपूर्ण बिल भी पास कराने हैं.
लोकसभा में भी हंगामा :लोकसभा की शुरुआत होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूर्व तीन सांसदों के निधन पर शोक प्रस्ताव रखा. उसके बाद जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई सत्ता पक्ष के सांसदों ने माफी मांगने की मांग शुरू कर दी. इस पर विपक्षी सांसदों ने भी अडाणी मामले में जेपीसी की जांच और विपक्षी पार्टियों पर ईडी और सीबीआई द्वारा की गई कार्रवाई का मामला उठाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. हालांकि लोकसभा में आलम यह था कि सत्ताधारी पार्टी के सांसदों की संख्या ज्यादा होने की वजह विपक्ष से ज्यादा हंगामे का शोर, सत्ताधारी पार्टी गैलरी की तरफ से ही सुनाई पड़ रहा था.