भोपाल:एमपी में बोर्ड परीक्षाओ के लीक हुए पर्चों ने सरकार की भी परीक्षा ले ली. संभवत ये पहला मौका होगा कि दसवीं बारहवीं की परीक्षा का पेपर लीक मामला सदन में गूंजा हो. ये भी मिसाल है कि प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने इस मामले में दो दिन के भीतर दो अलग अलग बयान दिए. बाद में इस मामले में अपने ही बयान से पलटते हुए कहा दिया कि 10 वीं और 12 वीं का कोई पेपर लीक नहीं हुआ. लिहाजा दोबारा परीक्षाएं करवाए जाने का सवाल खड़ा नहीं होता. जबकि बीते करीब एक पखवाड़े में दसवी और बारहवी के 14 पेपर लीक होने की खबर है. इस मामले में 25 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं.
ऑनलाइन भी बिका पर्चा:पेपर लीक मामले में नौबत यहा तक आ गई कि ऑनलाइन पेपर भी बेचा गया. बीकॉम के एक छात्र को सोशल मीडिया पर पेपर बेचने के आरोप में ही गिरफ्तार किया गया है. दमोह में भौतिकी का पेपर लीक होने के मामले में चपरासी की गिरफ्तारी की गई. भोपाल के चार शिक्षक भी पेपर लीक मामले में आरोपी के तौर पर धरे गए. इसके अलावा परीक्षा में लापरवाही की वजह से एमपी बोर्ड ने 46 केन्द्र अध्यक्षों समेत 19 टीचर्स को सस्पेंड कर दिया गया.
पेपर लीक मामले पर सदन में गहमागहमी:एमपी विधानसभा के बजट सत्र में पेपर लीक मामले को लेकर सदन से विपक्ष का बहिर्गमन भी हुआ. नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इसको लेकर सरकार पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप लगाया. लगातार दसवीं और 12 वीं कक्षा के पेपर लीक हो रहे हैं.