लखनऊ : रोहिंग्या नागरिकों को अवैध रूप से भारत लाकर यहां का नागरिक बनाने वाले मोहम्मद अब्दुल अव्वल को यूपी एटीएस ने दिल्ली से सोमवार को गिरफ्तार किया है. आरोपी मोहम्मद अव्वल ने राजधानी स्थित नदवा मदरसे में पढ़ाई की है. एजेंसी इस गैंग के पांच सदस्यों बांग्लादेश निवासी अदिलुर रहमान असरफी, तानिया मंडल, इब्राहिम खान, पश्चिम बंगाल निवासी अबु हुरैरा गाजी और शेख नजीबुल हक को अक्टूबर माह में गिरफ्तार कर चुकी है.
कोराेना काल में गैंग में हुआ था शामिल :एडीजी एटीएस ने बताया कि 'पूछताछ में अब्दुल अव्वल ने बताया कि वह दिल्ली के श्रम विहार में रहकर किराये की दुकान में फिनो पेमेंट बैंक की मर्चेंट आईडी लेकर बैंक खाते खोलने व मनी ट्रांसफर का काम करता था. कोरोना काल में यहीं पर उसकी अब्दुल गफ्फार से मुलाकात हुई थी. गफ्फार ने बताया था कि, फिनो बैंक में बांग्लादेशी, रोहिंग्या और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले मुस्लिमों के नाम पर वह खाते खोलता है तो उसमें डॉ. गफ्फार अपने एनजीओ के एफसीआरए खाते में आने वाले विदेशी धन को ट्रांसफर कर देगा. ट्रांसफर की गई धनराशि को नकद निकाल कर उसका इस्तेमाल अपने फायदे और अवैध रूप से भारत आने वाले घुसपैठियों की सहायता के लिए हो सकता है.'
फिनो बैंक में खोले सैकड़ों बांग्लादेशी रोहिंज्ञाओ के खाते :एडीजी एटीएस ने बताया कि 'पूछताछ में अब्दुल अव्वल ने बताया कि गफ्फार की बातों और पैसों के लालच में आकर उसने अलग-अलग नामों से फिनो बैंक में ऑनलाइन खाते खोले और उनमें गफ्फार के एफसीआरए खाते से छोटी-छोटी धनराशि को सैकड़ों बार ट्रांसफर किया गया. अब्दुल अव्वल इस धनराशि को नकद निकाल कर गफ्फार के साथ बांट लेता था. उसने बताया कि, गफ्फार अपने स्तर से भी कुछ अन्य खातों में भी इस प्रकार से पैसा ट्रांसफर कर फायदा कमा रहा था. इस रकम को सहारनपुर में भी पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों को कई माध्यमों से भेजा गया था, जिसका इस्तमाल देश-विरोधी गतिविधियों में किया गया था.'