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गजब : शख्स का धर्मांतरण भी हो गया और उसे खबर तक नहीं

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले युवक प्रवीण कुमार का नाम जबरन धर्मांतरण कराए गए लोगों की लिस्ट में शामिल है. हैरानी की बात यह है कि प्रवीण कुमार को पता भी नहीं है कि उनका धर्म परिवर्तन करा दिया गया है. फिलहाल मामले में एटीएस जांच कर रही है.

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Published : Jun 24, 2021, 3:38 PM IST

प्रवीण कुमार
प्रवीण कुमार

सहारनपुर : देश में जबरन धर्मांतरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. यूपी एटीएस के हत्थे चढ़े दो आरोपियों ने देश के 14 राज्यों में धर्म परिवर्तन कराने की बात कबूल की है. दोनों ने करीब 1000 लोगों का अब तक धर्म परिवर्तन कराकर इस्लाम कबूल करवाया है. एटीएस को इसमें कई लोगों के नाम भी मिले हैं, जिनको ट्रेस कर एटीएस उनसे पूछताछ कर रही है.

ऐसा ही एक नाम सहारनपुर के रहने वाले प्रवीण कुमार का भी है. हैरानी वाली बात यह है कि एटीएस जब प्रवीण के पास पहुंची तो तब उन्हें पता चला कि धर्म परिवर्तन कराने वाली लिस्ट में उनका भी नाम है, जबकि उन्होंने धर्म परिवर्तन किया ही नहीं.

प्रवीण कुमार का बयान

प्रवीण थाना नागल क्षेत्र के गांव शीतला खेड़ा का रहने वाले हैं. वह पोस्ट ग्रेजुएट हैं, इनके पिता गांव के प्रधान भी रहे हैं. प्रवीण एक शुगर मिल में काम करते हैं. प्रवीण ने पीएम मोदी से जुड़ी किताब भी लिखी है और आशंका जताई है कि विदेशी फंडिंग के लिए उसके नाम का इस्तेमाल किया गया हो.

पीएम मोदी पर लिख चुके हैं किताब
प्रवीण ने बताया कि उन्‍होंने 'नमो गाथा मोदी एक विचार' नाम से एक किताब लिखी है और दूसरी किताब 'योगी राज से योगीराज' तक लिखी है. जिसकी काफी बिक्री हुई है. जो फोटो प्रवीण कुमार की किताब पर है, वही फोटो उस कार्ड पर भी है जो धर्म परिवर्तन करने के बाद उन लोगों के रिकॉर्ड में हैं.

प्रवीण कुमार ने आशंका जताई कि धर्म परिवर्तन करने वाले गैंग ने विदेशी फंडिंग के लिए उनकी फोटो का इस्तेमाल किया है. प्रवीण का कहना है कि उनके हिंदू-मुस्लिम दोस्त हैं, लेकिन कभी किसी ने भी धर्म परिवर्तन करने के लिए उन्हें प्रेरित नहीं किया. उन्होंने कहा कि मैं एक पढ़ा-लिखा आदमी हूं. मैंने एजुकेशन से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और जल्द ही पीएचडी करने जा रहा हूं.

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प्रवीण कुमार ने बताया कि बुधवार सुबह ही एटीएस की टीम भी आई थी और उससे से पूरी जानकारी ली. इसके अलावा एडीजी का भी फोन आया था. अब इस मसले को लेकर पूरा परिवार सकते में है और वे परेशान हैं.

प्रवीण के पिता राकेश कुमार ने भी बताया कि ऐसी कभी कोई बात ही नहीं हुई. उन्होंने आशंका जताई कि कहीं न कहीं यह विदेशी फंडिंग अर्जित करने के लिए की गई साजिश है. बहरहाल जो भी हो इस मामले में प्रवीण ने किसी भी तरह शामिल होने से इनकार किया है.

गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार हुए दोनों आरोपी मौलानाओं को रिमांड पर लेकर एटीएस की टीम ने फिर पूछताछ शुरू कर रही है. इस मामले में रोज नए खुलासे और सबूत सामने आ रहे है.

एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार के मुताबिक, पूछताछ में पता चला कि दवाह के नाम से कट्टरपंथी और कट्टरपंथी संगठनों द्वारा धर्म परिवर्तन जैसी गतिविधियां चलाई जा रही हैं, जिसे साइलेंट जिहाद का नाम दिया गया है.

एडीजी का कहना है कि आईएसआई लखनऊ व दिल्ली की गैर सरकारी संगठनों को फंडिंग करता था. इसमें लखनऊ में मलिहाबाद की अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन भी शामिल है. इसके पुख्ता प्रमाण भी मिले हैं.

एटीएस को ISI की फंड से संचालित लखनऊ स्थित मलिहाबाद के रहमान खेड़ा में संचालित अल हसन एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन का भी पता चला है. आरोपी उमर गौतम फाउंडेशन का वाइस प्रेसिडेंट है. उमर एक अन्य संस्था का भी पदाधिकारी है. अब ATS ने अल हसन एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन के सातों मेंबर की पड़ताल शुरू कर दी है.

देश में चलाए जा रहे 60 से ज्यादा दवाह संस्थान

ATS सूत्रों की मानें तो देशभर में 60 से अधिक इस्लामिक दवाह सेंटर (IDC) चलाए जा रहे हैं. इनके मेन टारगेट पर यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र हैं. दवाह के नाम से कट्टरपंथी और कट्टरपंथी संगठनों द्वारा धर्म परिवर्तन जैसी गतिविधियां चलाई जा रही हैं, जिसे साइलेंट जिहाद का नाम दिया गया है.

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एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक, धर्मांतरण के लिए न सिर्फ विदेशों से पैसा आता था, बल्कि देश के 14 राज्यों में धर्मांतरण का काम चल रहा है. खास बात ये है कि धर्म परिवर्तन कराने में महिलाओं को ज्यादातर टारगेट किया गया है. इन मौलानाओं पर एक हजार से ज्यादा हिंदुओं को मुसलमान बनाने का आरोप है.

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