लखनऊ:प्रयागराज में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त नरेन्द्र गिरि की दुःखद मृत्यु से जुड़े प्रकरण की CBI से जांच कराने की संस्तुति की गई है. उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका आदेश दिया है.इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश गृह विभाग ने ट्टीट करके दी.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत को लेकर लगातार विवाद हो रहा है. उन्होंने आत्महत्या की या फिर उनकी हत्या की गई. यह लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है. पुलिस लगातार इस मामले में जांच कर रही है. योगी सरकार ने इसकी जांच के लिए मंगलवार को एक कमेटी बनाई थी. वहीं संत लगातार उनकी संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे. बुधवार रात यूपी सरकार ने भी इस मामले की सीबीआई जांच के लिए सिफारिश की है. केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद सीबीआई टीम इस मामले में जांच करेगी.
बता दें कि 20 सितम्बर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने संदिग्ध अवस्था में सुसाइड कर लिया था. उनके कमरे से कई पन्नों वाला सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के लिए तीन नाम लिखे हुए थे. जिसमें सबसे पहला नाम महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य रहे स्वामी आनंद गिरि का जबकि दूसरा नाम लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी रहे आद्या तिवारी का था और तीसरा नाम आद्या तिवारी के बेटे संदीप तिवारी का लिखा हुआ था.
पुलिस ने आद्या तिवारी के अलावा आनंद गिरि को हरिद्वार से पकड़ लिया था. तभी से पुलिस आद्या तिवारी के बेटे संदीप तिवारी की तलाश कर रही थी, जिसे डीआईजी द्वारा गठित एसआईटी ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि शाम को पुलिस आनंद गिरि और आद्या तिवारी को कोर्ट में भी पेश कर चुकी है, जहां से कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. संदीप तिवारी से पूछताछ के बाद उसे गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जा सकता है.