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लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन का असर नहीं, आठों सीटों पर बीजेपी का कब्जा - इलेक्शन रिजल्ट 2022

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा की जीत सुनिश्चित दिख रही है. दोपहर चार बजे तक भाजपा अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ निर्णायक बढ़त के साथ 94 से अधिक सीटें जीत चुकी है. इसी बीच यूपी की दो घटनाओं का जिक्र जरूरी है, जिनका पॉलिटिकल माइलेज लेने की कोशिश की गई, लेकिन चुनावी नतीजों को देखकर ऐसा लगता है कि मतदाताओं ने इन मुद्दों की सियासी अहमियत नहीं दी. ये दोनों घटनाएं हाथरस में रातों-रात युवती का शव जलाना और लखीमपुर खीरी में किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने की रहीं. पढ़ें रिपोर्ट, कैसे हाथरस और लखीमपुर खीरी की घटनाओं का बीजेपी को राजनीतिक नुकसान नहीं हुआ.

lakhimpur kheri
लखीमपुर मामले के आरोपी आशीष मिश्रा

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Published : Mar 10, 2022, 4:24 PM IST

Updated : Mar 10, 2022, 8:08 PM IST

नई दिल्ली :उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष पर गंभीर आरोप लगे. आशीष पर किसानों को रौंदने का आरोप लगा. हालांकि, अदालत से आशीष को जमानत मिली है, लेकिन यूपी चुनाव के मद्देनजर आशीष पर लगे आरोपों को गंभीर माना जा रहा था. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भाजपा को घेरने का प्रयास किया था, लेकिन यूपी चुनाव 2022 के नतीजों को देखकर ऐसा लगता है कि जनता ने लखीमपुर खीरी की घटना को तवज्जो नहीं दी.

लखीमपुर खीरी में भाजपा को आठ में आठों सीटों पर जीत हासिल हुई है. दूसरी ओर हाथरस की तीन सीटों में भाजपा के एक जबकि समाजवादी पार्टी के दो विधायकों को जीत मिली है. इन परिणामों को देखकर सियासी पंडितों का मानना है कि लखीमपुर खीरी की घटना का राजनीतिक जनाधार पर विशेष असर नहीं पड़ा. किसान आंदोलन के नजरिए से लखीमपुर खीरी की घटना को भी बीजेपी के लिए नुकसानदेह माना जा रहा था, लेकिन आठों सीटों पर मिली जीत से कहा जा सकता है कि किसानों की नाराजगी का मुद्दा राजनीतिक नतीजों में कनवर्ट नहीं हुआ. दूसरी ओर हाथरस की घटना को लेकर योगी सरकार की कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास भी विफल कहा जा सकता है. ऐसा इसलिए कि हाथरस की तीन सीटों पर एक भाजपा ने जीती है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) जिले की 8 सीटों पर 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपना परचम लहराया था. गौरतलब है कि, भाजपा ने 8 में से 7 सीटों पर सिटिंग एमएलए को टिकट दिया है. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में चौथे चरण में वोटिंग हुई थी. लखीमपुर खीरी जिले में 8 विधानसभा सीटें पलिया, निघासन, गोला गोकर्णनाथ, श्री नगर, धौरहरा, लखीमपुर, कसता और मोहम्मदी हैं. किसान आंदोलन और तिकोनिया कांड के कारण इन सीटों पर सबकी नजर थी.

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को अक्टूबर, 2021 में गिरफ्तार किया था. आशीष पर आरोप है कि उप्र के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का विरोध कर रहे किसानों को कुचलने वाले वाहनों में से एक में वह सवार था. इस हादसे में चार किसानों की मौत हो गयी थी. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाने में बहराइच जिले के नानपारा क्षेत्र बंजारन टांडा निवासी जगजीत सिंह की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आशीष पर 15-20 अज्ञात लोगों के साथ मिलकर किसानों के ऊपर जीप चढ़ाने और गोली चलाकर हत्या करने का आरोप लगाया गया है.

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तिकुनिया थाने में आशीष तथा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 147 (उपद्रव), 148 (घातक अस्त्र का प्रयोग), 149 (भीड़ हिंसा), 279 (सार्वजनिक स्थल पर वाहन से मानव जीवन के लिए संकट पैदा करना), 338 (दूसरों के जीवन के लिए संकट पैदा करना), 304 ए (किसी की असावधानी से किसी की मौत होना), 302 (हत्या) और 120 बी (साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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इसके अलावा 2020 के सितंबर-अक्टूबर में यूपी के हाथरसमें एक युवती को रातों-रात जलाने का मामला सामने आया था. कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने हाथरस की घटना को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह एवं उनकी पार्टी पीड़ित परिवार की न्याय की मांग के साथ खड़ी है. उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि देश अन्याय के खिलाफ बोलेगा और भाजपा को देश तोड़ने नहीं दिया जाएगा.

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022)
बता दें कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटें हैं. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे ज्यादा 312 सीटें जीतकर सत्ता पर काबिज हुई थी. जबकि 2012 में सरकार बनाने वाली समाजवादी पार्टी महज 47 सीटों पर सिमट गई. वहीं बसपा सिर्फ 19 सीटें ही जीत पाई.

Last Updated : Mar 10, 2022, 8:08 PM IST

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