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आतंकी संगठनों के टारगेट पर उत्तर प्रदेश, पांच वर्षों में ATS ने पकड़े 35 से अधिक स्लीपर मॉड्यूल

यूपी में योगी सरकार बनने के बाद प्रदेश का माहौल खराब करने के लिए आतंकी संगठनों ने पुरजोर कोशिश की. हालांकि यूपी एटीएस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से कई बड़े आतंकी पकड़े गए और उनके मंसूबों को नाकामयाब किया गया.

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Published : Jul 28, 2023, 6:51 PM IST

आतंकी संगठनों के टारगेट पर उत्तर प्रदेश. देखें खबर

लखनऊ :उत्तर प्रदेश में बीते एक माह में आतंकी संगठनों के 10 स्लीपर मॉड्यूल गिरफ्तार किए गए हैं. बीते पांच वर्षों में तो 35 से अधिक आतंकी मॉड्यूल को गिरफ्तार कर यूपी एटीएस ने प्रदेश के खिलाफ रची जाने वाली नापाक साजिशों को नाकाम किया है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश के आतंकी संगठनों के निशाने पर उत्तर प्रदेश है, जो राज्य में बड़ी तबाही के लिए नापाक साजिशें रच रहे हैं.

पांच वर्षों में यूपी ATS ने पकड़े 35 से अधिक स्लीपर मॉड्यूल.

बीते पांच वर्षों में जम्मू कश्मीर को छोड़ अन्य किसी भी राज्य से कहीं ज्यादा उत्तर प्रदेश में आतंकी संगठनों के सदस्यों की गिरफ्तारी इस बात की तस्दीक कर रही है कि सूबे में योगी सरकार बनने के बाद प्रदेश का माहौल खराब करने के पुरजोर कोशिश की जा रही है. हालांकि हर बार यूपी एटीएस इन आतंकी संगठनों के मंसूबों पर पानी फेर रही है. बीते दिनों एटीएस ने गोंडा से अलकायदा सक्रिय सदस्य सद्दाम को गिरफ्तार किया जो यूपी में रह कर भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के मिशन में लगा हुआ था. वहीं जम्मू कश्मीर के रिजवान भी कश्मीर में मारे गए आतंकियों का बदला लेने के लिए यूपी को ठिकान बनाए हुए था. इतना ही नहीं आईएसआई के चार एजेंट भी बीते एक माह में यूपी से ही दबोचे गए हैं जो पाकिस्तान को खुफिया जानकारी भेज रहे थे. ऐसे में इन आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद यूपी में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई है.

पांच वर्षों में यूपी ATS ने पकड़े 35 से अधिक स्लीपर मॉड्यूल.

सैफुल्ला के एनकाउंटर के बाद शुरू हुई आतंकियों की गिरफ्तारी

यूपी में भर्ती करने आया था जैश एरिया कमांडर
  • यूपी में वर्ष 2017 में आतंकियों की धमक सैफुल्ला से सुनाई दी थी. मार्च 2017 में एटीएस ने लखनऊ में छिपे आतंकी सैफुल्ला को मार गिराया था जो ISIS के खुरासान माड्यूल का सदस्य था. वह कानपुर का रहने वाला था. वारदात के बाद कानुपर और उन्नाव में भी कई आतंकियों की गिरफ्तारी हुई थीं.
  • इसके बाद सितंबर 2018 में चकेरी के जाजमऊ अहिरवां स्थित शिवनगर कॉलोनी पकड़े गए हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरुज्जमां उर्फ कमरुद्दीन उर्फ डॉ. हुरैरा को गिरफ्तार किया था. एनआइए और एटीएस को पूछताछ में इसने एक और आतंकी ओसामा बिन जावेद का नाम लिया था जो हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर था और सितंबर 2019 में जिसे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था.
  • यूपी को आतंकी संगठन किस कदर टारगेट पर रखे हुए है, वह इस बात से पता चलता है कि राज्य में जैश ए मुहम्मद आतंकी संगठन का एरिया कमांडर आकर स्लीपर मॉड्यूल की भर्ती कर चुका था.
  • दरअसल, मार्च 2019 में सहारनपुर के देवबंद से गिरफ्तार आतंकी शाहनवाज तेली और आकिब ने खुलासा किया था कि जैश-ए-मुहम्मद का एरिया कमांडर देवबंद में आया था, इतना ही नहीं उसने यूपी के कई जिलों में दर्जनों मुस्लिम युवकों से मुलाकात की थी.
पांच वर्षों में यूपी ATS ने पकड़े 35 से अधिक स्लीपर मॉड्यूल.
पांच वर्षों में यूपी ATS ने पकड़े 35 से अधिक स्लीपर मॉड्यूल.




पांच वर्षों में आतंकियों का अड्डा क्यों बना यूपी :वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र त्रिपाठी मानते हैं कि वर्ष 2017 में सूबे में भाजपा सरकार बनना और योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री बनाया जाना आतंकी संगठनों और कट्टरपंथियों को नागवार गुजरा. इसके पीछे सीएम योगी की छवि एक कट्टर हिंदूवादी नेता के रूप इन होती थ.। यही वो दौर था जब आतंकी संगठन भारत के अलग अलग राज्यों में अपने पैर पसार रहे थे. बीजेपी का सत्ता में आना आतंकी संगठनों के लिए आसान हो गया. ऐसे बेरोजगार, अशिक्षित मुस्लिम युवकों को अपने साथ बहका कर जोड़ना जो मानते थे कि यूपी में मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा है और अयोध्या राम मंदिर व CAA-NRC के विरोध में थे. इन्हीं के जैसे मुद्दों के सहारे स्लीपर सेल तैयार करना आतंकी संगठनों के लिए आसान हो गया था और उन्होंने जमकर अपने स्लीपर मॉड्यूल तैयार कर लिए थे.

पांच वर्षों में यूपी ATS ने पकड़े 35 से अधिक स्लीपर मॉड्यूल.

साल 2017 से अगस्त 2022 तक 38 आतंकियों की हुई गिरफ्तारी

  • जुलाई 2023: जम्मू कश्मीर के रहने वाले हिजबुल मुजाहिद्दीन के सदस्य रिजवान को गिरफ्तार किया गया.
  • जुलाई 2023: गोंडा के रहने वाले अलकायदा सदस्य सद्दाम को गिरफ्तार किया गया.
  • जुलाई 2023: गोंडा के आईएसआई एजेंट रईस को गिरफ्तार किया गया.
  • जुलाई 2023: महाराष्ट्र के आईएसआई एजेंट मुहम्मद अरमान को गिरफ्तार किया गया.
  • जुलाई 2023: गोंडा के आईएसआई एजेंट मुहम्मद सलमान को गिरफ्तार किया गया.
  • जनवरी 2023: सहारनपुर से अलकायदा आतंकी अजहरुद्दीन गिरफ्तार.
  • अक्टूबर 2022: अलकायदा और बांग्लादेशी आतंकी अंगठान जमात उल मुजाहिद्दीन के आठ आतंकी गिरफ्तार.
  • अगस्त 2022: आजमगढ़ से ISIS आतंकी सबाउद्दीन, सहारनपुर से नदीम व कानपुर से हबीबुल उर्फ सैफुल्ला गिरफ्तार.
  • अप्रैल 2022: गोरखपुर से ISIS आतंकी अहमद मुर्तजा अब्बासी व सहारनपुर देवबंद से जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश का सदस्य तलहा गिरफ्तार.
  • मार्च 2022: सहारनपुर से लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी इनामुल गिरफ्तार.
  • सितम्बर 2021: ISI से जुड़े लखनऊ के आलमबाग से मोहम्मद आमिर, प्रयागराज के करेली से जीशान और रायबरेली के ऊंचाहार से लाला गिरफ्तार.
  • जुलाई 2021: लखनऊ से अलकायदा के अंसार गजवत-उल-हिंद के मिन्हाज अहमद और मसीरुद्दीन.
  • फरवरी 2021: खालिस्तानी आतंकी जगदेव सिंह जग्गा को लखनऊ के जानकीपुरम से गिरफ्तार किया गया.
  • अगस्त 2020: बलरामपुर के ISIS आतंकी अबु यूसुफ को दिल्ली से गिरफ्तार किया.
  • जून 2020: बरेली से अंसार गजवतुल हिंद संगठन से जुड़ा इनामुल गिरफ्तार.
  • फरवरी 2019: सहारनपुर से जैश-ए-मोहम्मद के शाहनवाज अहमद तेली व आकिब मलिक गिरफ्तार.
  • दिसंबर 2018: चकेरी एयरपोर्ट के पास से कमरज्जमा गिरफ्तार.
  • अक्तूबर 2018: बुलंदशहर में जाहिद और मेरठ कैंट से सेना का सिग्नल मैन कंचन सिंह गिरफ्तार.
  • मार्च 2017: सुरक्षा बलों ने लखनऊ में छिपे आतंकी सैफुल्ला को मार गिराया.
  • मार्च 2017: कानपुर से खुरासान मॉड्यूल के गौस मोहम्मद, दानिश, फैसल, इमरान, अजहर गिरफ्तार.
पांच वर्षों में यूपी ATS ने पकड़े 35 से अधिक स्लीपर मॉड्यूल.


यूपी में होने वाली बड़ी घटनाओं से बचा रही यूपी ATS

पूर्व डीजीपी एके जैन बताते हैं कि बीते कुछ वर्षों जितनी भी गिरफ्तारियां हुई हैं वे यदि न होतीं तो शायद यूपी में कई बड़ी घटनाएं घटित हो सकती थीं. ऐसे में कचहरी ब्लास्ट के बाद जिस उद्देश्य के साथ एटीएस का गठन किया गया है, वह चरितार्थ हो रहा है. जैन कहते हैं कि उत्तर प्रदेश बहुत बड़ा प्रदेश है, जहां पर मुस्लिमों की संख्या बहुत अधिक है. कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ ऐसे इलाके अति संवेदनशील की श्रेणी में आते हैं. यहां हमेशा उग्रवाद की समस्या रही है. पूर्व डीजीपी मानते हैं कि यूपी के मुस्लिम लड़कों को गुमराह करना काफी आसान है और यही लड़के आतंकी संगठनों के स्लीपर मॉड्यूल बनते हैं. बीते कुछ वर्षों में जितनी भी गिरफ्तारियां हुई हैं, उनमें सबसे अधिक संख्या स्लीपर मॉड्यूल्स की है और ये ही सबसे अधिक खतरनाक होते हैं, वो इसलिए क्यों कि ये हमारे बीच में ही रह कर पाकिस्तान में बैठे अपने आका के एक इशारे में बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम दे देते हैं.







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