मेरठ : इस्लामी विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी को आतंकवाद रोधी दस्ता(एटीएस) की एक टीम ने गिरफ्तार किया है. एटीएस के महानिरीक्षक (आईजी) डॉ.जी.के गोस्वामी ने फोन पर बताया कि गिरफ्तारी बुधवार रात को की गई थी. हालांकि, एटीएस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ने गिरफ्तारी का कारण बताने से इनकार कर दिया.इसी बीच जमीयत उलमा-ए-हिंद ने कलीम सिद्दीकी का केस लड़ने की घोषणा की है.
इस संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बुधवार को बताया कि एटीएस ने मेरठ से इस्लामी विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी को मंगलवार रात गिरफ्तार किया. उन्हें सबसे बड़े गैर कानूनी धर्मांतरण गिरोह के संचालन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
कुमार ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के वित्तपोषण से संचालित किए जा रहे इस्लामिक दावा सेंटर में मूक-बधिर छात्रों का अवैध रूप से धर्मांतरण कराए जाने के मामले में दिल्ली के जामिया नगर निवासी मुफ्ती काजीजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम की पिछली 20 जून को हुई गिरफ्तारी के बाद एटीएस इस मामले की जांच कर रही है और अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
कुमार ने दावा किया कि जांच में पता चला है कि उमर गौतम और उसके साथी को ब्रिटेन की एक संस्था अल-फला ट्रस्ट से 57 करोड़ रुपए मिले थे मगर वे उसके खर्च का विवरण नहीं दे सके. यह भी पाया गया कि कलीम सिद्दीकी अवैध धर्मांतरण गिरोह में शामिल हैं और विभिन्न शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों की आड़ में वह पूरे देश में अवैध रूप से धर्मांतरण का काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के लिए सिद्दीकी ने खुद प्रचार सामग्री तैयार की है जो ऑनलाइन और प्रिंट स्वरूप में मौजूद है. इसका वितरण मुफ्त में किया जाता है. वह लोगों में यह विश्वास जगाने की कोशिश करते हैं कि सिर्फ शरीयत कानून से ही सभी को न्याय मिल सकता है.
अपर पुलिस महानिदेशक ने यह भी दावा किया कि बहुत बड़े पैमाने पर विदेश से धन मुहैया कराने का काम किया जा रहा है तथा अवैध धर्मांतरण का काम बहुत ही योजनाबद्ध और संगठित रूप से किया जा रहा है. इस काम में अनेक जानी-मानी संस्थाएं भी शामिल हैं.