लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया. सत्र के शुरू होने से पहले विधानसभा की परंपरा का निर्वहन किया. इसके तहत हाल ही में जिन विधायकों और पूर्व विधायकों का निधन हुआ उनको श्रद्धांजलि दी गई. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उन सभी के लिए अलग-अलग शोक संदेश पढ़ा और उनके बारे में दो लाइनें भी कहीं. जिसमें उनके समाज में योगदान की बात कही गई.
श्रद्धांजलि सूची में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का भी नाम शामिल रहा. लेकिन, अतीक औऱ अशरफ को शोक व्यक्त करने के दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने पंक्तियाँ नहीं पढ़ीं. अतीक और अशरफ के अलावा विधानसभा में पूर्व विधायक सत्तार अहमद अंसारी, पूर्व विधायक अमर सिंह, पूर्व विधयाक प्रेम प्रकाश सिंह, पूर्व विधायक रणधीर सिंह, पूर्व विधायक सुजान सिंह बुंदेला, पूर्व विधायक शारदा प्रताप शुक्ला, पूर्व विधायक हरिशंकर तिवारी, पूर्व विधायक अवनीश कुमार सिंह, पूर्व विधायक हरद्वार दुबे, पूर्व विधायक अबरार अहमद को श्रद्धांजलि दी गई. इनके लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने शोक संदेश पढ़ा.
मणिपुर की घटना पर चर्चा की मांगःइसके बाद विपक्ष ने मणिपुर की घटना पर चर्चा कराने की मांग की, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने इनकार कर दिया. इसके साथ ही संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सपा पर पलटवार करते हुए कहा कि मणिपुर की घटना की बात करने वालों ने क्या कैराना पर चर्चा की थी. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर कहा कि यूपी से देश के प्रधानमंत्री आते हैं. इसलिए पूरे देश में प्रचार करने जाने वाले मुख्यमंत्री को इस पर जरूर बोलना चाहिए. इसके बाद समाजवादी पार्टी के सदस्य मणिपुर की घटना को लेकर फिर से वेल में नारेबाजी करने लगे.