नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में ओबीसी वोट बैंक 42 से 45% तक है, जिसमें 9% यादव है, जो समाजवादी पार्टी के खाते में जाते हैं. बाकी बचे 35% में से दूसरी अन्य पिछड़ी जातियां हैं जिनमें कुशवाहा, राजभर, निषाद, जाट, लोध, मौर्य और कुर्मी वर्ग के वोट बैंक है. बीजेपी इसी 35% वोट बैंक को रोकने की कोशिश कर रही है, ताकि इनका बिखराव समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और ओपी राजभर के गठबंधन में न जा सके. इसके लिए भारतीय जनता पार्टी ने ओबीसी मोर्चा को यह जिम्मेदारी भी दी है कि वह उत्तर प्रदेश में मोर्चा के सदस्यों को अलग-अलग क्षेत्रों में भेज कर ओबीसी वोटरों से डोर टू डोर संपर्क साधे.
बीजेपी के इस डर के बारे में पार्टी के ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण से ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने बातचीत की. बीजेपी के ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष के लक्ष्मण का कहना है कि बीजेपी दूसरे दलों की तरह जाति पर चुनाव नहीं लड़ती, बल्कि विकास और गरीब कल्याण के मुद्दे पर लड़ती है. ओबीसी समाज के कई लोग बसपा से आए और हमारे मंत्रिमंडल में भी शामिल हुए थे. चुनाव के समय उन्हें महसूस हुआ कि हमारी पार्टी पिछड़ी जातियों की विरोधी है, यह बात उन्हें 5 साल तक क्यों नहीं महसूस हुई.
उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार ने 7 सालों में पिछड़े वर्ग के लिए जो योजनाएं बनाई हैं, इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ. पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा देना हमारी सरकार में हुआ. इसलिए क्षेत्रीय दलों से हमारा सवाल है कि पिछड़े वर्ग की ठेकेदार पार्टियों ने आज तक इसे लागू क्यों नहीं किया. दस साल सत्ता में रही मनमोहन सरकार ने आयोग को संवैधानिक दर्जा क्यों नहीं दिया. आज 47 ओबीसी समाज के लोगों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है और यह आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है.
बीजेपी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मण का दावा है कि पार्टी छोड़ कर गए नेताओं ने अपने स्वार्थ की वजह से ऐसा किया है. सरकार ने नीट की परीक्षा में 47% आरक्षण दिया, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय स्कूल और सैनिक स्कूलों में लगभग 4 लाख छात्रों को इस बार इसका लाभ मिला. यूपी में भी गरीब कल्याण और किसानों के लिए 36,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया और 50 हजार लोगों को मकान दिया गया. लगभग दो करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन बांटे गए. स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे थे और यह, बीजेपी में मुमकिन नहीं है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी परिवारवाद की पार्टी नहीं है.