गोरखपुर :उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) में सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से चुनावी मैदान में उतरेंगे. योगी के गुरु अवेद्यनाथ ने साल 1998 में राजनीति से संन्यास लिया था. इसके बाद उन्होंने योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था. यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई थी. 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे थे. वह 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने थे. 1998 से लेकर मार्च 2017 तक योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद रहे.
योगी आदित्यनाथ गोरखपुर लोकसभा सीट (Gorakhpur Lok Sabha Seat) से लगातार पांच बार सांसद चुने गए थे. 2017 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इसके बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा था. हालांकि गोरखपुर में इस बार उनकी राह आसान नहीं नजर आ रही है. गोरखपुर की राजनीति में पहले भी कई उलटफेर हुए हैं. इस बार के चुनाव में भी कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. यहां की मनीराम विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे त्रिभुवन नारायण सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा था. 2018 के लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर संसदीय सीट से भाजपा को भी हाथ धोना पड़ा था.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 1998 से लेकर 2014 तक लगातार पांच बार इस सीट से जीत दर्ज कर गोरखपुर के सांसद रहे. 2017 में यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने यहां की लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उपचुनाव के लिए बीजेपी ने उपेंद्र शुक्ला को मैदान में उतारा, जिन्हें बसपा समर्थित सपा उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने हरा दिया था.
गोरखपुर में मनीराम विधानसभा क्षेत्र वर्तमान में अस्तित्व में नहीं है. परिसीमन के बाद इसका क्षेत्र गोरखपुर सदर और पिपराइच विधानसभा का हिस्सा हो गया है. गोरखनाथ मंदिर की पहले की अपेक्षा पकड़ अब कमजोर पड़ गई है, जबकि महंत अवेद्यनाथ यहां से कई बार विधायक चुने गए थे.
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गोरखपुर में राजनीतिक बदलाव की बयार लोकसभा सीट से शुरू होती है. वर्ष 1967 में गोरखनाथ पीठ के तत्कालीन महंत दिग्विजयनाथ गोरखपुर से चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे थे, लेकिन वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे. 1969 में उनकी मृत्यु के बाद उनके शिष्य और उत्तराधिकारी महंत अवेद्यनाथ उपचुनाव लड़े थे. प्रदेश में तब कांग्रेस की सरकार थी, फिर भी महंत अवेद्यनाथ ने उपचुनाव में जीत हासिल की.