नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (up assembly elections 2022) पर बात करते हुए भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष पंकज सिंह (BJP MLA Pankaj Singh NOIDA) ने कहा है कि हमारी पार्टी सतत विकास करने वाली पार्टी है और चुनाव में भी इन्हीं मुद्दों को लेकर हम वोट मांग रहे हैं. चुनाव आयोग ने रैलियों पर पाबंदी लगा दी है और पूरा चुनावी अभियान डिजिटल मोड में आ गया है. इस फैसले को लेकर पार्टियों में नाराजगी भी दिख रही है. बीजेपी की क्या तैयारी है ? इस सवाल पर पंकज सिंह ने कहा कि चुनाव है, लेकिन प्रधानमंत्री ने भी कहा कि सबसे पहले जान की भी रक्षा करनी है और चुनाव आयोग ने जो पाबंदियां लगाई है वह नहीं बातों को ध्यान में रखते हुए लगाई गई हैं. इसीलिए एक संगठन के नाते भाजपा अपने आपको हमेशा हर तरीके से तैयार रखती है. उन्होंने कहा कि हम लोग अन्य दलों की तरह सिर्फ ट्विटर या फेसबुक पर ही नहीं रहते, बल्कि बीजेपी हमेशा से जमीन पर एक्टिव रही है. पार्टी की तैयारी सिर्फ चुनाव के लिए नहीं बल्कि सेवा को लेकर सतत चलती रहती है. हम लोग सेवा ही संगठन की नीति पर आगे चलते हैं. पार्टी कार्यकर्ता भी इसे अच्छे तरीके से समझने लगा है.
पिछले कुछ समय में कई राज्यों में अधिकांश चुनावी गतिविधियां डिजिटल मोड में हुई है. क्या यही वजह है कि भाजपा ने तभी से अपनी तैयारी कर रखी थी और इसी वजह से दूसरी पार्टियों को परेशानी हो रही है या पार्टियों को डर है ? इस सवाल पर पंकज सिंह का कहना है कि दूसरी पार्टियों का डर सिर्फ इस वजह से नहीं है बल्कि पिछले कुछ सालों तक टि्वटर और फेसबुक तक ही सीमित रहे हैं. संगठन के तौर पर जमीनी स्तर पर सेवा के लिए पार्टियों को उतरना चाहिए था. उनके नेता नहीं उतरे और उन्हें इसी बात का डर है. उन्होंने कहा कि सिर्फ कोरोना के वक्त ही नहीं, जब भी उत्तर प्रदेश के लोगों को गांव-शहर में कहीं भी जरूरत पड़ी तो सपा-बसपा या कांग्रेस के सभी नेता लखनऊ या दिल्ली से ट्वीट करता है. प्रेस कॉन्फ्रेंस करता है. ग्राउंड से जुड़ता नहीं है. इसलिए उनका डर सिर्फ इस मोड से प्रचार करने का नहीं, बल्कि डर इस बात का है कि वह हर तरीके से जनता से और उनके दुख-सुख से कटे हुए रहे और उनकी अपेक्षाएं पूरी नहीं की गईं.
सपा और भाजपा एक दूसरे की पार्टियों पर सेंध लगा रही है और आज इसी क्रम में अपर्णा यादव ने भी भाजपा का दामन थाम लिया, इस पर भाजपा विधायक पंकज सिंह ने कहा कि भाजपा अपने आप में समुद्र है और इसमें स्वाभाविक रूप बहुत सारे लोग अपने आप जुड़ते जा रहे हैं. यह विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनी है. क्या बाहर से आने वाले नेताओं की वजह से कार्यकर्ताओं का मनोबल नहीं गिरता ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जो भी भाजपा में आता है वह देश का मस्तक ऊंचा करने का संकल्प लेकर आता है. ऐसे सभी लोगों का पार्टी स्वागत करती है इसलिए मुझे लगता है कि भाजपा की राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रभावित होकर यदि कोई आता है तो उनका स्वागत किया जाना चाहिए. जो लोग भाजपा में सभी समाज के संकल्प लेने के मकसद से नहीं जुड़ते वही लोग पार्टी को छोड़कर बाहर जाते हैं. हमारी पार्टी का अंत्योदय का संकल्प हमेशा से रहा है और इसे कोई ताकत नहीं रोक सकती.
भाजपा ने विकास के नाम पर चुनाव लड़ने की शुरुआत की थी, लेकिन बाद में अयोध्या राम मंदिर, काशी मथुरा जैसी बातें भी आने लगीं. पिछले 2 सालों से कोरोना की वजह से कुछ ब्रेक भी लगा है तो किन बातों को लेकर भाजपा जमीन स्तर पर चुनाव प्रचार करेगी ? इस सवाल पर पंकज सिंह ने कहा, यह जरूर है कि पिछले 2 सालों से कोरोना का प्रभाव रहा है बावजूद इसके वे खुद एक जनपतिनिधि के तौर पर लगातार लोगों की सेवा करने में लगे रहे. यह ध्यान रखा कि जो लोग अपने घर लौट रहे हैं उनके पैरों में छाले ना पड़ें. उन्हें चप्पल पहनाने का काम हमारी पार्टी ने किया. इसके अलावा विकास की गति थोड़ी कम जरूर हुई मगर हमें खुशी है कि हमने नोएडा जैसे शहर में और पूरे उत्तर प्रदेश में उद्योग और विकास का काम किया है. जहां तक सवाल नोएडा का है नोएडा में 20,000 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा के काम हुए. एलईडी लाइट्स लगाई गईं. पानी की क्वालिटी को लेकर कई सालों से जो चर्चा होती रहती थी उस पर भी काम हो रहा है. पुलिस कमिश्नरेट बनाया गया है. डिप्टी डायरेक्टर का दफ्तर बना है अब वह नोएडा में बैठते हैं.
हमने मुख्यमंत्री से मांग की थी जो हाई राइज बिल्डिंग बनी थी वहां पर लोग रजिस्ट्री के लिए परेशान थे लोगों ने अपने पूरे जीवन भर की कमाई लगाई थी उनकी रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी. हालांकि इन मुद्दों को अभी और आगे लेकर जाना है. अभी तक सिर्फ 45,000 लोगों को पजेशन मिला है. कुछ कानूनी अड़चनों की वजह से यह काम कुछ रुक सा गया था. उसके लिए भी हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. इसलिए यह कहा जा सकता है कि काफी हद तक लोगों के लिए हमने कार्य करने की कोशिश की है. आने वाले दिनों में हम नोएडा को सुरक्षित कह सकते हैं.
पिछले 5 सालों में अपने क्षेत्र में कुछ निवेश करवा पाए या कोरोना की वजह से ब्रेक लग गया क्योंकि नोएडा एक औद्योगिक शहर माना जाता है और दिल्ली से सटा हुआ भी है ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि नोएडा को उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर और आर्थिक राजधानी के तौर पर भी देखा जाता है और इस जिले में भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में बड़ी उपलब्धि मिली है. प्रदेश की कानून की व्यवस्था अच्छी की गई है और यह संदेश गया है कि किसी भी दल का कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों ना हो वह कानून से ऊपर नहीं हो सकता. सबने देखा है कि सैमसंग ओप्पो जैसी बहुत सारी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश किया है. एक बड़ा डाटा सेंटर बनाया गया है. फिल्म सिटी बनकर तैयार हो रही है. इसके अलावा डिफेंस कॉरिडोर के लिए कार्य की शुरुआत हो चुकी है.
अखिलेश यादव कह रहे हैं कि जिन कामों की शुरुआत उन्होंने करवाई थी उसका उद्घाटन अब भाजपा की सरकार कर रही है. इस प्रसंग में पंकज सिंह का कहना है कि भाजपा के हर काम के साथ हो अपना नाम जोड़ना चाहते हैं, लेकिन मैं यहां यह कहना चाहूंगा कि जो लोग राम भक्तों पर गोलियां चलाते थे, जो लोग अपराधियों को छुड़ाने की छुड़ाने की वकालत करते थे जो लोग जिन्ना के पैरोकार थे, आज जब हमारे प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर तैयार कर जनता को समर्पित किया तो वही लोग श्रेय लेने की होड़ में दिखे. समाजवादी पार्टी ने कोशिश की लेकिन यदि इतनी हिम्मत होती तो अखिलेश को यह स्वीकार करना चाहिए कि हां उन्होंने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थीं. अपराधियों को शरण दी थी. वह इन बातों की तो जिम्मेदारी नहीं लेते, लेकिन जो घटनाएं सपा के कार्यकाल में नहीं हुईं उन बातों का भी श्रेय लेना चाहते हैं. इसीलिए जनता के बीच समाजवादी पार्टी के नेताओं का विश्वास खत्म हुआ है.
भाजपा हाईवेज काशी कॉरिडोर और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की बात कर रही है, लेकिन कई नेता मथुरा अयोध्या काशी में मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं.धर्म की बातों से वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है. भाजपा चुनाव प्रचार में किन बातों का जिक्र करेगी. इस सवाल पर पंकज सिंह ने कहा, चुनाव मैदान में बातें विकास की ही होंगी, लेकिन जहां तक बात आस्था और विश्वास की है, अयोध्या में राम पर पूरा देश विश्वास करता है. आज हमारी पहचान हमारी संस्कृति से ही है. हमारे आध्यात्मिक क्षेत्र में विकास और हमारी परंपराओं का ज्ञान भी होना चाहिए इसलिए पार्टी दोनों ही बातों को लेकर साथ चलती है. सपा हो, बसपा या कांग्रेस इन लोगों को बस ऐसे लोगों के वोट चाहिए जो जय श्री राम ना कहें. मैं मानता हूं कि भाजपा के लिए काशी अयोध्या मथुरा कभी भी चुनाव का मुद्दा नहीं रहा. यह देश के करोड़ों लोगों की आस्था का विषय है. निश्चित रूप से लोगों की आस्था और उम्मीदों को पूरा करने की जिम्मेदारी ईश्वर के भक्तों की है. इसीलिए जिम्मेदारी सरकार की भी है. यदि करोड़ों लोग मथुरा, अयोध्या, काशी में आते हैं तो इसमें बुरा क्या है ?
पहले यह बातें निकल कर आ रही थी कि अयोध्या से योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन वह गोरखपुर से ही चुनाव लड़ रहे हैं. दूसरी तरफ अखिलेश यादव भी अपने विधानसभा क्षेत्र से नहीं बल्कि आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं, इस सवाल पर पंकज सिंह का कहना है कि किसी को भी बगैर सोचे समझे कोई बयान नहीं देना चाहिए. योगी आदित्यनाथ पर अखिलेश यादव ने बयान दिया था. योगी जी लंबे समय से गोरखपुर से चुनाव लड़ते रहे हैं और वहां के लोगों का प्रतिनिधित्व किया है उनका नाता है उस जगह से रिश्ता है और भावनाओं के साथ जुड़े हुए हैं. मैं भी 6 साल तक क्षेत्र का प्रभारी रहा हूं मैंने बहुत नजदीक से देखा है कि जो श्रद्धा और प्रेम योगी जी के लिए वहां के लोगों को है वह अद्भुत है. लोगों की इच्छा थी कि योगी जी गोरखपुर से चुनाव लड़ें, जिसका पार्टी ने सम्मान किया.
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