कन्नौजः उत्तर प्रदेश की इत्र नगरी कन्नौज में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दंगाइयों और गुंडे-बदमाशों के इलाज की दवा सिर्फ भाजपा सरकार के ही पास है. योगी जी के नेतृत्व ने जिस प्रकार दंगों को रोका है, हमें उसे स्थायी स्वरूप देना है. प्रधानमंत्री ने जनसभा में कहा कि पूरा यूपी जानता है, पूरा देश जानता है कि आएगी तो भाजपा ही, आएंगे तो योगी ही. उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि भाजपा को पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ कर जिताना है. ये चुनाव का समय है, चुनाव के दिन 'पहले मतदान फिर जलपान'.
प्रधानमंत्री ने संबोधन में कहा कि बस अब मुकाबला इस बात का है कि बीजेपी की जो पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी वो पहले से कितनी ज्यादा सीटें लेकर बनेगी, इसका मुकाबला चल रहा है. दो दिन से घोर परिवारवादियों को सपने दिखना बंद हो गए हैं. वो लोग सोच रहे थे कि जातिवाद फैलाकर, संप्रदायवाद फैलाकर वोटों को बांट देंगे. लेकिन, मुझे खुशी है कि यूपी के लोग माफियावादियों, दंगावादियों के खिलाफ एकजुट होकर वोट कर रहे हैं.
ये एकजुटता दंगावाद से मुक्ति के पक्ष में है. ये एकजुटता, कानून व्यवस्था के पक्ष में है. ये एकजुटता महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और समृद्धि के पक्ष में है. विकास के लिए, रोजगार के लिए, निवेश के लिए शांति का माहौल सबसे पहली शर्त है. इसलिए उत्तर प्रदेश आज कानून के राज को सबसे बड़ी प्राथमिकता दे रहा है.
यूपी का सामान्य से सामान्य मतदाता भी समझ रहा है कि दंगाइयों और गुंडे-बदमाशों के इलाज की दवा सिर्फ भाजपा सरकार के ही पास है. योगी जी के नेतृत्व ने जिस प्रकार दंगों को रोका है, हमें उसे स्थायी स्वरूप देना है. हमें दोबारा ऐसी हरकतों को उत्तर प्रदेश में पनपने नहीं देना है. जिनकी राजनीतिक बुनियाद अपराध, गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार पर टिकी हो वो कभी सुधर नहीं सकते हैं. आप देखिए, इन लोगों ने कैसे-कैसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है, इनके ज्यादातर उम्मीदवार हिस्ट्रीशीटर हैं और कई तो जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं.
हम इस इत्र को ग्लोबल ब्रांड बनाने में जुटे हुए हैं. दुनिया में कन्नौज के इत्र का डंका बजे इसके लिए हम काम कर रहे हैं. घोर परिवारवादियों की कुनीति का एक गवाह कन्नौज का इत्र उद्योग भी है. इन्होंने अपने भ्रष्टाचार से, अपने काले कारनामों से यहां के इत्र कारोबार को बदनाम किया. इन्होंने इत्र को करप्शन से जोड़ा. जो काम इनको छोटे लगते हैं, हमें उनमें गरीब की तरक्की का समाधान दिखता है. हमें उसकी चिंता थी जिसके पास या तो ज़मीन है ही नहीं, या फिर बहुत कम है.
यह भी पढ़ें- UP Assembly Election 2022: जानें कितने पढ़े-लिखे हैं दूसरे चरण के प्रत्याशी
इन्होंने मेड इन इंडिया टीकों को भाजपा का टीका बताकर गरीबों के जीवन से बहुत बड़ा खिलवाड़ करने की कोशिश की. हमारी सरकार पूरी शक्ति से जुटी है कि यूपी के एक एक गरीब को कोरोना की वैक्सीन लग जाए. लेकिन इन लोगों ने इस अभियान में भी बाधा डालने की कोशिश की. घोर परिवारवादियों के राशन माफिया अगर इस कोरोना काल में होते, तो यूपी के गरीबों का क्या होता?
हमें उन बहनों की चिंता थी जिनके लिए पशुपालन आत्मनिर्भरता का, आत्मसम्मान का माध्यम है. पशुपालन से जुड़े एक बड़े समाज को जिन्हें पिछड़ा कहा गया, हमें उनकी समृद्धि, उनकी गरिमा की चिंता थी. गरीबों को घर देने में यूपी अव्वल राज्यों में रहा, क्योंकि यहां डबल इंजन सरकार है. गरीब बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन तेजी से मिले, क्योंकि यहां डबल इंजन की सरकार है.
यूपी के गरीबों, दलितों, पिछड़ों को तो भुखमरी का सामना करना पड़ता. दिल्ली से जो राशन हम भेजते उसको इनका माफिया अपने गोदामों में बंद कर देता, ब्लैक में बाजारों में बिकवाता. यूपी के गरीब ये याद रखें कि इन घोर परिवारवादियों की आंखों में गरीब कल्याण की योजनाएं उनको खटक रही हैं.