लखनऊ: प्रदेश के पूर्व मंत्री व बिहार और मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे स्वर्गीय लालजी टंडन की आज पहली पुण्यतिथि है. इस मौके पर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हजरतगंज मल्टीलेवल पार्किंग के बाहर लगाई गई उनकी प्रतिमा का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह करेंगे.
इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वरिष्ठ भाजपा नेता लालजी टंडन की स्मृतियों को याद करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता के गलियारे में स्थापित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी.
उन्होंने कहा कि व्यक्ति का पद और कद कितना भी बड़ा क्यों न हो, जमीन से जुड़े रहना अगर किसी को सीखना है, तो टंडन जी से सीखना चाहिए. वह अपने जीवन में आम लोगों से जुड़े रहे. वह संबंधों का निर्वाह करने में सबसे आगे रहे. हर दल में उनके बहुत से रिश्ते थे. किसी भी दल का नाम लीजिए, उनके नेताओं से टण्डन के बहुत अच्छे रिश्ते रहे. किसी भी जाति, धर्म, मजहब के लोगों से भी उनके संबंध बहुत अच्छे थे.
सिंह ने कहा कि राजनीति में मतभेद तो हो सकते हैं, मनभेद नहीं हो सकते हैं. यह टंडन जी से सीखना चाहिए. तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने उन्हें भाई कहा था. खूब चर्चा हुई थी. उन्होंने लखनऊ में रहते हुए बहुत विकास कार्य किए. इसलिए लखनऊ में विभिन्न मंचों से विकास पुरुष के रूप में ही आमंत्रित किया जाता रहा है. अटल जी और टंडन के सम्बंध के बारे में कहा जाता था कि राम और हनुमान थे. लेकिन मैं उनके रिश्ते को राम और लखन के रूप में देखता था.
वहीं सीएम योगी ने कहा कि टंडन जी ने प्रदेश के नगर विकास मंत्री के रूप में दोनों सदनों में पार्टी के नेता के रूप में काम किए थे. हर क्षेत्र में उनके प्रशंसक थे. मैं जनकपुर गया था। उस वक्त टंडन जी राज बिहार के राज्यपाल थे. उन्होंने फोन किया कि जनकपुर से वापस आकर पटना राजभवन में जरूर आना. मैं गया तो उनका स्नेह मिला. उनसे जुड़े तमाम संस्मरण सभी के पास हैं. चलते फिरते लखनऊ के रूप में उनकी पहचान थी. इसीलिए लखनऊवासी उन्हें बाबूजी के रूप में याद करते हैं.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बाबू जी केवल लखनऊ के नहीं थे. वह पूरे प्रदेश के थे. पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उनसे जुड़े रहे. कोई पदचिन्हों पर चलता है तो कोई पदचिह्न बनाता है. टण्डन जी के पदचिन्हों पर हम सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को चलना चाहिए. डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि टंडन जी और लखनऊ एक दूसरे के पूरक थे. सभी धर्मों में उनकी लोकप्रियता थी. अटल और टण्डन पहले भी साथ थे और मृत्यु के उपरांत भी दोनों साथ में हैं. अटल चौक के पास टंडन जी की प्रतिमा स्थापित की गयी है.
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मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि बाबूजी हमेशा लोगों को पिता की तरह स्नेह करते थे. उनकी कभी डांट पड़ती थी तो कभी दुलार करके भी कार्यकर्ताओं को उत्साहित करते रहे हैं. उनकी कमी को कोई भी पूरा नहीं कर सकता है. इस मौके पर यूपी भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रतदेव सिंह, कानून मंत्री बृजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह, अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मोहसिन रजा, मंत्री स्वाति सिंह समेत अन्य नेता मौजूद रहे.
बता दें कि स्वर्गीय लालजी टंडन की कांस्य की यह प्रतिमा साढ़े 12 फीट ऊंची है. इस खास मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मोहसिन रजा, कानून मंत्री बृजेश पाठक समेत अन्य मंत्री और नेता मौजूद रहेंगे.
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