कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद यह सुनिश्चित नहीं है कि प्याज, आलू, तिलहन, अनाज और दालों जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने की राज्यों की शक्ति उन्हें वापस मिलेगी या नहीं.
आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 राज्यों को भंडारण सीमा लागू करने और आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही को प्रतिबंधित करने की शक्ति देता था. केंद्र ने पिछले साल कानून में संशोधन कर राज्य सरकारों के इस अधिकार को वापस ले लिया था.
संशोधित अधिनियम, उन तीन विवादास्पद कृषि कानूनों में से एक है, जो पिछले एक साल से किसानों के विरोध के केंद्र में थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह घोषणा की कि इन कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा और ऐसा करने के लिए जरूरी प्रक्रिया इस महीने के अंत में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में पूरी की जाएगी.
इस पर एक अधिकारी ने कहा कि राज्यों को वही शक्ति वापस मिलेगी या नहीं, जो वे भंडारण सीमा और आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए उनके पास पहले थी, यह उस विधेयक के 'शब्दों' पर निर्भर करेगा, जिसे अधिनियम को वापस लेने के लिए पेश किया जाएगा.