मेलबर्न : पूर्व अंडर 19 विश्व कप विजेता कप्तान उन्मुक्त चंद आस्ट्रेलिया के बिग बैश क्रिकेट लीग में खेलने वाले पहले भारतीय बनने जा रहे हैं, जिन्होंने 2021-22 सत्र के लिए मेलबर्न रेनेगाडेस के साथ करार किया है. 28 वर्ष के उन्मुक्त ने इस साल भारतीय क्रिकेट से नाता तोड़ लिया था और अब वह अमेरिकी टीम में हैं.
भारत ए के पूर्व कप्तान उन्मुक्त कभी भी भारतीय सीनियर टीम के लिए नहीं खेले लेकिन आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स, मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के सदस्य रहे. उन्होंने एक दशक से अधिक समय तक घरेलू क्रिकेट खेला.
भारत को 2012 में अंडर-19 विश्व कप दिलाने वाले उन्मुक्त ने कहा कि मैं बहुत रोमांचित हूं. मेलबर्न टीम का हिस्सा बनकर अच्छा लग रहा है. मैं हमेशा से बिग बैश देखता आया हूं और मेरे लिए यह अच्छा क्रिकेट खेलने का सुनहरा मौका है. ऑस्ट्रेलिया में खेलने में हमेशा मजा आता है. मैंने सुना है कि मेलबर्न में काफी भारतीय है और दर्शक मैच देखने भी आते हैं तो यहां खेलने में मजा आयेगा.
उन्मुक्त फिलहाल अमेरिका में रहते हैं और पिछले महीने माइनर क्रिकेट लीग में उनकी टीम सिलिकॉन वैली स्ट्राइकर्स विजयी रही. उन्हें प्लेयर आफ द टूर्नामेंट चुना गया.
चंद ने भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेने के अपने फैसले के बारे में कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो यह आसान नहीं था. यह तथ्य कि मैं अब देश के लिए नहीं खेलूंगा जिसे स्वीकार करना मुश्किल है. अब मुझे अमेरिका के लिए क्रिकेट खेलने में काफी मजा आ रहा है. साथ ही, मैं अब दुनिया भर की सभी लीग में खेल सकता हूं, जो मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर एक शानदार अवसर है.'
उन्मुक्त चंद ने इसी साल अगस्त में भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेने का एलान किया था. इसके बाद उन्होंने क्रिकेट करियर की नई शुरुआत करने के लिए अमेरिका का रुख किया. बता दें कि उन्मुक्त ने 2012 के अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में नाबाद 111 रनों की कप्तानी पारी खेलकर भारत को चैम्पियन बनाया था. उन्होंने भारत ए की भी कप्तानी की, लेकिन उन्हें कभी भी सीनियर टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिला.
उन्मुक्त चंद ने अपने घरेलू करियर की शुरुआत 2010 में दिल्ली से की थी और वह 8 सीजन तक टीम के लिए खेले. इस दौरान वह दिल्ली की टीम के कप्तान भी रहे. बाद में उन्होंने उत्तराखंड के लिए भी घरेलू क्रिकेट खेला. उन्मुक्त चंद ने इंडियन प्रीमियर लीग में भी भाग लिया था, जहां उनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा. वह आईपीएल के 21 मुकाबलों में 15 की औसत से महज 300 रन बना सके.