सरगुजा :आदिवासी समाज अपने रीति रिवाज और परंपराओं के लिये जाना जाता है. लेकिन कुछ जनजातियों की परंपरा ऐसी है जिन्हें देखने के बाद आपको खुद की आंखों में यकीन नहीं होगा. इस समाज के मांझी जाति के लोगों की परंपरा भी बेहद अजीबोगरीब है. मांझी समाज के भैंसा गोत्र के लोगों में विवाह की परंपरा ऐसी है जिसमें लड़की के भाई भैंसा बनकर कीचड़ में लोटकर दूल्हे और बारातियों का स्वागत करते हैं.
भैंसा बनकर लोटने की परंपरा :वीडियो में आप देख सकते हैं कि कुछ युवक और अधेड़ उम्र के लोग अपने शरीर मे पूंछ लगाए हुए हैं. क्योंकि ये भैंसा का रूप धारण किये हैं. अब क्योंकि भैंस कीचड़ में रहती है इसलिए ये सारे लोग कीचड़ में लोटकर वैसी ही हरकत कर रहे हैं जैसे भैंस आपस में करते हैं. लड़ना, कीचड़ में लोटना, चरवाहे के डंडा दिखाने पर भैंस का भागना ये सब कुछ इस रस्म को निभाने के दौरान किया जाता है.
कहां की है तस्वीर :यह वीडियो सरगुजा जिले के मैनपाट क्षेत्र के नर्मदापुर का है. मांझी आदिवासी मैनपाट के मूल निवासी हैं. वर्षों से मांझी समुदाय के लोग यहां निवास करते आ रहे हैं. हर समाज की तरह इनकी भी अलग मान्यता और परंपरा हैं. इसी परंपरा को निभाते हुए भैंसा गोत्र के लोग बहन की शादी होने पर भैंसा बनकर परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं.
बहन के लिए भाई बने भैंस :स्थानीय निवासी गोपाल यादव बताते हैं "मांझी समुदाय में जो शादी होता है. इसमें भैंसा गोत्र के लोग कीचड़ में लोटकर परघाते हैं. पुरानी परंपरा उन लोगों की रीति है. कीचड़ में परघाकर नाचते गाते हैं. उसके बाद बारात को घर में ले जाते हैं. भैंसा गोत्र जिन लोगों में रहता है उनके भाई ही कीचड़ में लोटते हैं" मांझी समाज के भैंसा गोत्र के ही चितन साय बताते हैं "हमारी जो बहन है उसकी शादी हो रही है. उसके जो भईया होते हैं अपने भैंसा गोत्र में अपन रीति रिवाज हम कर रहे हैं. कीचड़ से लोटकर के हम अपने बाराती का स्वागत करने जाते हैं"