छत्तीसगढ़ के अनोखे पोलिंग बूथ, मतदाताओं को मतदान की दी प्रेरणा, कला और संस्कृति का दिखा संगम - भरतपुर सोनहत विधानसभा
छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण का मतदान संपन्न हुआ.इस दौरान 70 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई.निर्वाचन आयोग ने शत प्रतिशत मतदान कराने के लिए जी तोड़ मेहनत की थी.इसके लिए मतदान केंद्रों को अपग्रेड किया गया था. प्रदेश में लोकतंत्र के महापर्व को किसी त्यौहार की तरह मनाया गया. आइए आपको दिखाते हैं ऐसे ही कुछ मतदान केंद्रों की झलकियां जिन्होंने मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित किया.
रायपुर:छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में कई जगह यूनिक पोलिंग बूथ बनाए गए. इन पोलिंग बूथ को देखकर हजारों की संख्या में मतदाता जागरुक हुए. पोलिंग बूथों में हर वो सुविधा दी गई थी.जिसकी जरुरत आम आदमी को होती है. बुजुर्गों का ख्याल रखते हुए पोलिंग बूथों में व्हील चेयर और आने जाने की जगह को भी काफी सुविधाजनक बनाया गया था.आइए आपको दिखात हैं ऐसे हीं कुछ पोलिंग बूथ.
कमार जनजाति के लिए बनाया गया मतदान केंद्र :छत्तीसगढ़ चुनाव 2023 में सिहावा के एक मतदान केंद्र पर कमार जनजाति(पीवीटीजी) के मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. कमार जाति समुदाय को लोकतंत्र के त्योहार में हिस्सा लेने के लिए काफी प्रोत्साहित किया गया था.इसका असर भी देखने को मिला.वोटिंग के समय कमार जनजाति के लोग अपने पारंपरिक वेशभूषा में मतदान करने पहुंचे थे.
लाल बंगला के थीम में मतदान केंद्र : संस्कृति लोगों को आपस में जोड़ती है.इसका ध्यान में छत्तीसगढ़ के दूसरे चरण के मतदान में रखा गया है. गरियाबंद जिले में इसी तरह का एक आदर्श मतदान केंद्र बनाया गया. पारागांव में छत्तीसगढ़ के अति पिछड़ी जनजाति, भुंजिया जनजाति के रसोईघर लाल बंगला के थीम पर मतदान केंद्र बनाया गया.जहां भुंजिया जनजाति के लोग उत्साहित होकर मतदान करने आएं, साथ ही अन्य मतदाताओं को भी वोट करने की प्रेरणा दी.
छत्तीसगढ़ के शिमला में अनोखा मतदान केंद्र :छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में मतदाताओं के लिए आकर्षक तिब्बती थीम आधारित मतदान केंद्र बनाया गया.आपको बता दें कि मैनपाट तिब्बतियों की शरण स्थली है.इस जगह में काफी ठंड होती है. मैनपाट के आलू और यहां बनने वाले ऊनी कपड़े पूरे देश में मशहूर हैं. इस मतदान केंद्र में सेल्फी पॉइंट, प्राथमिक चिकित्सा, शुद्ध पेयजल,मतदान मित्र, व्हीलचेयर की सुविधा समेत बच्चों के खेलने की जगह भी बनाया गया था.
जल, जंगल एवं पर्यावरण संरक्षण की तर्ज पर मतदान केंद्र :सारंगढ़ जिले की बुंदेली जनपद पंचायत के बरमकेला में जल, जंगल एवं पर्यावरण संरक्षण की शैली पर आधारित मतदान केंद्र बनाया गया.इस मतदान केंद्र को बिल्कुल देहाती लुक दिय गया था.
डोंगरी शैली में बना मतदान केंद्र :बालोद जिले के संबलपुर में चित्वा डोंगरी शैली का मतदान केंद्र बनाया गया. यह छत्तीसगढ़ में पाषाण युग की पहचान है.आपको बता दें कि इस शैली में पत्थरों पर कलाकृतियां उकेरी जाती हैं. छत्तीसगढ़ में इस शैली की कलाकृतियां काफी मूल्यवान मानी जाती हैं.
भरतपुर सोनहत विधानसभा में तीन मतदान केंद्र शेराडांड, कांटो, रवला छत्तीसगढ़ के सबसे छोटे मतदान केंद्र है. शेराडांड में 5 वोटर्स है तो कांटो में 12 और रेवला में 23 मतदाता हैं. तीनों ही मतदान केंद्र में 100 फीसदी वोटिंग हुई यानी सभी मतदाताओं ने वोटिंग की है.