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MP Unique Mata Temple: भोपाल का अनोखा देवी मंदिर, जहां माता को चढ़ाई जातीं हैं चप्पल-जूतियां, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान - Shardiya Navratri 2022

भोपाल की पहाड़ा वाली माता मंदिर या कहें कि जीजी बाई मंदिर में माता को चप्पल और जूतियां चढ़ाई जाती हैं, सुनकर आपको आश्चर्य लगेगा लेकिन यह सत्य है. यहां ऐसी मान्यता है कि चप्पल जूती चढ़ाने से माता प्रसन्न होती हैं, इसलिए उन्हें सोलह श्रृंगार में से एक यह भी चढ़ाया जाता है. Unique Mata Temple, devotees offer sandals and slippers to goddess, Shardiya Navratri 2022

Slippers and shoes offered to Goddess in Bhopal
भोपाल में देवी माता को चढ़ाई जातीं हैं चप्पल-जूतियां

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Published : Oct 2, 2022, 5:38 PM IST

भोपाल।नवरात्रि में भक्त माता के दरबार में पहुंचते हैं. नवरात्रि में हर मंदिर की अपनी अलग-अलग परंपरा रहती है. एक ऐसी ही अनोखी परंपरा आज हम आपको बताने जा रहे हैं. यह मंदिर राजधानी भोपाल में है, जहां भक्त माता रानी को चप्पल और सैंडल चढ़ाते हैं. मान्यता है कि देवी मां रात में चप्पल और सैंडल को धारण करती है. भोपाल के कोलार इलाके में स्थित यह मंदिर पहाड़ वाली माता या जीजी बाई मंदिर के नाम से जाना जाता है. भगवान के प्रति इंसानी आस्था ऐसी है कि मंदिरों में जूते-चप्पल रखने की बात तो दूर सपने में भी इस तरह के ख्याल आने को गुनाह मानते हैं. लेकिन भोपाल के पहाड़ वाली माता मंदिर में देवी मां को चप्पल ही चढ़ाई जाती है. माना जाता है कि चप्पल चढ़ाने से मातारानी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं. Unique Mata Temple

भोपाल में देवी माता को चढ़ाई जातीं हैं चप्पल-जूतियां

चश्मा, टोपी और घड़ी भी चढ़ाने की है मान्यता:मंदिर के पुजारी के मुताबिक इस मंदिर में चप्पल के साथ-साथ चश्मा, टोपी और घड़ी भी चढ़ाई जाती है. पुजारी ओमप्रकाश महाराज ने बताया कि यहां मां-दुर्गा की देखभाल एक बेटी की तरह होती है. यहां कई बार उन्हें आभास होता है कि देवी खुश नहीं है तो दिन में दो-तीन बार माता रानी के कपड़े बदल दिए जाते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 20 सालों में अब तक माता रानी के 15 लाख कपड़े चप्पल और श्रृंगार बदला जा चुका है. Shardiya Navratri 2022

विदेशों से भक्त भेजते हैं चप्पल और श्रृंगार का सामान:पुजारी ने बताया कि माता के भक्त न केवल देश बल्कि विदेश से भी चप्पल भेजते हैं. महाराज ओम प्रकाश की मानें तो इस बार मां दुर्गा के लिए सिंगापुर, पेरिस, जर्मनी और अमेरिका से भी चप्पल आई है. जब भक्तों द्वारा चढ़ाई गई चप्पलों की संख्या बढ़ जाती है तो उसे लोगों में बांट दिया जाता है.

भोपाल में देवी माता को चढ़ाई जातीं हैं चप्पल-जूतियां

यहां है देश का पहला करवाचौथ मंदिर:जीजी भाई मंदिर में एक करवा चौथ मंदिर की भी स्थापना की गई है यहां के पुजारी का कहना है कि यह देश का पहला करवा चौथ मंदिर है उन्होंने कहा कि सवाई माधोपुर राजस्थान में केवल चौथ मंदिर है लेकिन यहां करवा चौथ मंदिर की स्थापना की गई है. यहां हर साल करवा चौथ पर बड़ा आयोजन किया जाता है विशेष रूप से महिलाएं यहां आ कर पूजा-अर्चना करती है.

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भक्तों की पूरी होती हैं मनोकामनाएं:करीब 22 साल पुराने इस मंदिर की कई मान्यताएं हैं. यहां आने वाले श्रद्धालु भक्त माता रानी को चढ़ावे के लिए चप्पल, सैंडल और कपड़े लाते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. पूजा करने आने वाली छात्रा मानसी शुक्ला ने बताया कि वह इस मंदिर में 6 सालों से आ रही है. सभी त्योहारों पर माता रानी के दरबार में आकर माथा टेकती है. श्रद्धालु मानसी ने कहा कि मंदिर में आकर अलग ही तरह की शांति का अनुभव मिलता है और खास बात यह है कि इस मंदिर में माता रानी को बेटी स्वरूप में पूजा जाता है.

करीब 22 साल पुराना है जीजी बाई मंदिर:इस मंदिर का नाम पहाड़ा वाली और जीजी बाई का मंदिर है जो भोपाल के कोलार इलाके में एक छोटी सी पहाड़ी पर बना है. इस मंदिर को लोग सिद्धिदात्री पहाड़ वाला मंदिर भी कहते हैं ऐसी मान्यता है कि तकरीबन 22 साल पहले यहां ओम प्रकाश नाम के महाराज ने मूर्ति की स्थापना की थी. कहा जाता है कि महाराज ने तब शिव पार्वती का विवाह कराया था और खुद कन्यादान किया था. तब से ओम महाराज मां सिद्धिदात्री को अपनी बेटी मान कर पूजा करते आ रहे हैं. (devotees offer sandals and slippers to goddess)

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