पति ने पत्नी की याद में बनवाया राधा कृष्ण मंदिर Unique Love Story:कहते हैं इस दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार शाहजहां ने मुमताज से, लैला ने मजनू से और हीर ने रांझा से किया था, लेकिन अब ऐसे ही एक प्यार का उदाहरण दिया है मध्य प्रदेश के छतरपुर के रहने वाले बीपी चंदसौरियां ने.. जिन्होंने अपनी पत्नी की याद में तकरीबन 1.5 करोड़ का राधा-कृष्ण का मंदिर बनवा दिया. यह मंदिर इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें मुस्लिम कलाकारों ने नक्काशी की है, जो इसे और भी ज्यादा सुंदर बनाती है. बाकई ये मंदिर खूबसूरती में ताजमहल को टक्कर दे रहा है, फिलहाल आइए जानते हैं बीपी चंदसौरियां और उनकी पत्नी की प्रेम कहानी.
खूबसूरती में ताजमहल को टक्कर दे रहा मंदिर:इन दिनों बुंदेलखंड के एक सेवानिवृत्त शिक्षक बीपी चंदसौरियां और उनकी पत्नी की लव स्टोरी काफी चर्चा में है, अब हो भी क्यूं ना... पतिदेव ने अपने पूरे जीवन की जमा पूंजी से अपनी स्वर्गीय पत्नी की याद में एमपी के छतरपुर में एक भव्य राधा-कृष्ण का मंदिर निर्माण करवाया है. अब आप सोच रहे होंगे मंदिर.. तो सिर्फ मंदिर नहीं 1.5 करोड़ की लागत से बना मंदिर, जिसकी खूबसूरती ताजमहल को भी टक्कर दे दे. दरअसल मंदिर के निर्माण में संगमरमर के पत्थरों का उपयोग किया गया है, जिस पर विशेष तरह की नक्काशी की गई है, जो इसकी सुंदरता में चार चांद लगा रही है. नक्काशी का काम राजस्थान के मुस्लिम कलाकारों द्वारा किया गया है, जिन्होंने पूरे 3 साल तक अपना पसीना और प्रयास लगा कर मंदिर की सुंदरता को दोगुना कर दिया है.
इसलिए करवाया मंदिर का निर्माण:बीपी चंदसौरियां बताते हैं कि "जब मेरी पत्नी की मौत हुई, तभी मैंने सोच लिया था कि अब मैं उसकी याद में एक भव्य राधा-कृष्ण का मंदिर बनबाऊंगा. ये मंदिर मेरे लिए बहुत खास है क्योंकि ये मेरी पत्नी का सपना था और इसे मैंने अपने पूरे जीवन की जमा पूंजी से बनवाया है. राधा कृष्ण प्रेम के प्रतीक माने जाते हैं, जिन्हें लोग सदियों तक याद रखेंगे, मेरी पत्नी भी हमेशा से ही चाहती थीं कि चित्रकूट के 'राधा कृष्ण' जैसा मंदिर हो, जब नवंबर 2016 में उनकी मृत्यु हुई, तभी मैंने ठान लिया था कि अब मैं मंदिर बनवाऊंगा."
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"इस मंदिर बनने में करीब 1.50 करोड़ रुपये और 6 साल 7 दिन का समय लगा है. मंदिर में राधारानी और भगवान कृष्ण के साथ, राधा जी की सखियां विशाखा और ललिता की भी मूर्ति को स्थापित किया जाएगा. 29 मई को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य कार्यक्रम है, उसी दौरान मंदिर समाज को समर्पित किया जाएगा. मेरा युवाओं को बस इतना सा संदेश है कि वैवाहिक जावन में जाने के बाद प्यार, प्रेम, मोहब्बत ही सब कुछ होता है, इसलिए छोटी-मोटी बातों पर लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए, हमेशा दोनों को साथ में प्यार से रहना चाहिए."