दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

ग्वालियर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अनूठी पहल, स्टूडेंट बताएंगे देश के हर शहर में जहरीली हवा कैसे होगी साफ

Control Air Pollution Preparation: राजधानी दिल्ली से लेकर एमपी में प्रमुख शहरों तक हवा जहरीली बनी हुई है. ऐसे में ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय ने प्रदूषण से निपटने और पर्यावरण की संभाल के लिए छात्रों को इंटर्नशिप देने की तैयारी शुरु कर दी है. यह छात्र बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के उपाय बताने लोगों के बीच जाएंगे. इसके लिए उन्हें अलग से नंबर भी दिए जाएंगे. पढ़िए ईटीवी भारत के ग्वालियर से संवाददाता अनिल गौर की खास रिपोर्ट...

jiwaji university gwalior
जीवाजी विश्वविद्यालय छात्रों को कराएगा इंटर्नशिप

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 25, 2023, 11:12 AM IST

ग्वालियर की जीवाजी विश्वविद्यालय की अनोखी पहल

ग्वालियर। इस समय मध्य प्रदेश में कई महानगर वायु प्रदूषण की चपेट में है. जिसमें राजधानी भोपाल के बाद ग्वालियर शहर की हवा सबसे जहरीली है. शहर के वायु प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर वैज्ञानिक से लेकर प्रशासनिक स्तर पर रणनीति बनाई जा रही है. इसी को लेकर ग्वालियर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एक अनूठी पहल की शुरुआत की जा रही है. जीवाजी विश्वविद्यालय अब अपने स्टूडेंट को इंटर्नशिप कराएगा जिसके जरिए छात्र गांव-गांव और शहर के हर वार्ड में जायेंगे और यह बताएंगे कि देश के हर शहर में बिगड़ रही हवा कैसी साफ होगी.

ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय

भोपाल के बाद ग्वालियर की हवा सबसे जहरीली: पूरे मध्य प्रदेश में इस समय वायु प्रदूषण एक चिंता का विषय बन गया है. राजधानी भोपाल के साथ-साथ ग्वालियर, जबलपुर और सिंगरौली जिले में सबसे अधिक वायु प्रदूषण फैल रहा है. प्रदेश में ग्वालियर की हवा सबसे ज्यादा खराब है. यहां का AQI लेवल 345 दर्ज किया गया है. ग्वालियर में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण धूल के कण हैं. यह धूल PM 10 का स्तर वायु प्रदूषण बनाने के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं. अभी हाल में ही आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट में भी यह खुलासा हुआ है कि PM 10 के बड़े स्तर में 90 फ़ीसदी योगदान सड़कों से उड़ने वाली धूल का है. यही कारण है कि बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर वैज्ञानिक से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी चिंतित हैं. ग्वालियर के अलावा भोपाल का AQI लेवर 280 और जबलपुर में 313 है तो वही इंदौर में 206 है.

जीवाजी विश्वविद्यालय छात्रों को कराएगा इंटर्नशिप: ग्वालियर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर वैज्ञानिक जिला प्रशासन के अधिकारी सहित विश्वविद्यालय और महाविद्यालय की प्रोफेसर के बीच एक बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में मौजूद विभिन्न विश्व विद्यालयों के कुलपतियों एवं अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा से कहा कि वायु प्रदूषण नियंत्रण और स्वच्छ भारत मिशन पर महाविद्यालयीन विद्यार्थियों का सहारा लिया जा सकता है. निर्णय हुआ है कि जीवाजी विश्व विद्यालय अपने छात्रों को वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए इंटर्नशिप कराएगा. इस इंटर्नशिप के जरिए जीवाजी विश्वविद्यालय छात्रों को सेमिनार और प्रोजेक्ट देगा. जिनको जिन्हें छात्रों को पूरा करना होगा और इसके बदले विश्वविद्यालय उन्हें अलग से अंक देगा.

लोगों को जागरूक करेंगे छात्र: जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉक्टर अविनाश तिवारी ने ईटीवी भारत को बताया है कि ''इस इंटर्नशिप के जरिए जीवाजी विश्वविद्यालय के छात्र हर गांव में और शहर के हर वार्ड में जाएंगे. इसके जरिए स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत वह लोगों को स्वच्छता और वायु प्रदूषण के रोकथाम के लिए लोगों से बातचीत करेंगे और हर गांव में इसके रोकथाम के लिए सेमिनार आयोजित करेंगे. इसको लेकर जिला प्रशासन भी उनकी मदद करेगा.''

Also Read:

इंटर्नशिप वाले छात्रों के परीक्षा परिणाम में जोड़े जाएगें अक:कुलपति डॉक्टर अविनाश तिवारी ने बताया है कि ''वायु प्रदूषण और स्वच्छता को लेकर यह पहला अंगूठा प्रयोग किया जा रहा है.'' उनका कहना है कि लोगों को जागरूक करना आवश्यक है. इसके साथ ही इसमें स्वच्छता का भी बहुत बड़ी भूमिका है. इस इंटर्नशिप में यूजी के छात्रों को शामिल किया जाएगा. यह सभी छात्र सेमिनार और प्रोजेक्ट के जरिए इंटर्नशिप करेंगे और उनके परीक्षा परिणाम में अलग से अंक शामिल किए जाएंगे जिससे उन्हें लाभ होगा.''

वायु प्रदूषण का मुख्य कारण धूल के कण:मध्य प्रदेश में खराब वायु प्रदूषण को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय की पर्यावरण विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर हरेंद्र शर्मा ने बताया है कि ''ग्वालियर में खराब वायु प्रदूषण का मुख्य कारण यहां धूल के कण हैं, क्योंकि यह धूल के कण वायु में तैरते रहते हैं. इस कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और PM 10 के कारण ग्वालियर का AQI बड़ा हुआ है. इसके बढ़ने का मुख्य कारण यह है कि यहां की सड़क उखड़ी हुई है. निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहे हैं. इसके अलावा सड़कों पर धूल अधिक होना और जिले के आस पास माइनिंग होना यहां वायु प्रदूषण के मुख्य कारण हैं.''

ABOUT THE AUTHOR

...view details