हावेरी (कर्नाटक): कर्नाटक के कई हिस्सों में होली का त्योहार अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. उत्तर कर्नाटक के हावेरी जिले में होली (रंगपंचमी) अनोखे ढंग से मनाई जाती है. जिले में होली के अवसर पर कई परंपराएं मनाई जाती हैं. पिछले कई सालों से हावेरी जिले के कई इलाकों में जनता के सामने रति-मनमथा (काम) (भगवान और देवी) को हंसाने की चुनौती रखी जाती है. मंगलवार को प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.
जिले के रानीबेन्नूर और हावेरी शहरों में पिछले कुछ सालों से दो लोगों को रति-मनमथा के रूप में डाला जाता रहा है. इसके लिए एक मंच तैयार किया जाता है और उस पर अलंकृत रति-मनमथा को विराजमान किया जाता है. मनोरंजन के लिए रति-मनमथा को हंसाने की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. रति-मनमथा मुस्कान बिखेरने वालों को नकद पुरस्कार दिया जाएगा.
इनाम जीतने के लिए अलग-अलग जगहों से लोग आते हैं और उन्हें हंसाने की पूरी कोशिश करते हैं. महिलाओं, बच्चों और बूढ़ों सहित सभी ने कोशिश की है, लेकिन रति-मनमथा अब तक नहीं हंसे हैं. रति-मनमथा के सामने सिनेमाई संवाद, मिमिक्री, गीत और हास-परिहास होते हुए भी उनकी हंसी नहीं छूटती. इस साल भले ही लोगों को हंसाने के लिए लोग गाते, कॉमेडी और डांस करते हैं, लेकिन रति और मनमथा नहीं हंसे.
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हावेरी जिले के रानीबेन्नूर शहर में पिछले 64 सालों से काम-रति हंसाने की प्रतियोगिता लंबे समय से होती आ रही है. हर साल शहर के किसी न किसी हिस्से में लोगों को हंसाने की कोशिश की जाती है. इस वर्ष, कुमारा हडपदा को रति के रूप में और गदिगेप्पा डोड्डप्पा को काम (मनमथा) के रूप में लिया गया है. दोनों को हंसाने वाले के लिए 4,04,000 रुपये का इनाम रखा गया है. लेकिन काम और रति को कोई हंसा नहीं सका है.