केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस पटना:18 जुलाई को नई दिल्ली में एनडीए की बैठक में एलजेपीआर चीफ चिराग पासवान ने जब आरएलजेपी अध्यक्ष औरकेंद्रीय मंत्री पशुपति पारसके पैर छुए तो उन्होंने भी उनको गले लगा लिया. तस्वीर सामने आने के साथ ही ये चर्चा तेज हो गई कि चाचा-भतीजे में सुलह हो गई लेकिन दिन बीतने के साथ ही फिर से दोनों में बयानबाजी शुरू हो गई है. हाजीपुर सीट पर चिराग की दावेदारी के बाद पारस ने भी अपना दावा ठोक दिया है. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने फिर दोहराया कि रामविलास पासवान का राजनीतिक उत्तराधिकारी मैं ही हूं.
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"हाजीपुर में चिराग का क्या है. वो कहते हैं कि मेरे पिताजी की कर्मभूमि है. मैं उनके पिताजी का भाई हूं. 1977 से हाजीपुर मेरी भी कर्मभूमि रही है. अंतिम समय में भाई साहब ने ही मुझे हाजीपुर भेजा था. अब अगर चिराग यहां से लड़ने का बात करते हैं तो यह भाई साहब के फैसले का अपमान तो होगा ही, जमुई की जनता के साथ भी धोखा होगा. रामविलास पासवान जी का राजनीतिक उत्तराधिकारी मैं हूं. ऐसे में चाहे कुछ भी हो जाए, मैं तो हाजीपुर सीट से ही 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ूंगा"- पशुपति कुमार पारस, केंद्रीय मंत्री सह अध्यक्ष, आरएलजेपी
सियासी तौर पर दोबारा एक होना संभव नहीं: पशुपति पारस ने कहा कि पूरे देश के लोगों को उस तस्वीर को देखकर गलतफहमी हुई है, जिसमें 18 तारीख को एनडीए की बैठक शुरू होने से पहले चिराग पासवान ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पैर छूकर आशीर्वाद लिया. उसके बाद वह हमारे पास आए तो मैंने दिल से आशीर्वाद दिया. वैसे भी चिराग मेरा भतीजा है, बेटा की तरह है. इस बात को गलत ढंग से प्रसारित किया जा रहा है कि चाचा-भतीजा मिल गए हैं. ऐसी कोई बात नहीं है.
एनडीए की बैठक में मिलते चाचा-भतीजे 'चिराग एनडीए का हिस्सा नहीं': केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा कि वास्तव में चिराग पासवान की पार्टी एनडीए का पार्ट नहीं है. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सभी पांचों सांसद की राय थी कि हम लोग एनडीए में रहें लेकिन चिराग ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया और जेडीयू और बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार दिया. यहां तक कि मेरे लोकसभा क्षेत्र के राघोपुर और लालगंज विधानसभा सीट पर भी उन्होंने उम्मीदवार उतार दिया. जिस वजह से हमारे गठबंधन को घाटा हुआ.
हाजीपुर सीट मेरी भी कर्मभूमि रही: पशुपति पारस ने कहा कि हाजीपुर सीट को लेकर मेरा मानना है कि अगर चिराग पासवान के पिताजी की कर्मभूमि है तो वह मेरे भाई की भी कर्मभूमि है. उन्होंने कहा कि मेरे बड़े भाई रामविलास पासवान ने मुझे कहा था कि तुम ही मेरे उत्तराधिकारी हो. अलौली से तुम मेरे साथ हो. मैं 7 बार वहां से विधायक रहा. रामविलास जी ने मुझे हाजीपुर से चुनाव लड़ने को कहा. मैंने सुझाव भी दिया कि चिराग पासवान या भाभी जी को चुनाव लड़ा दीजिए लेकिन रामविलास जी ने कहा कि मेरे नहीं रहने के बाद भी हाजीपुर का काम तुम करोगे.
हर हाल में हाजीपुर से ही चुनाव लड़ूंगा:पारस ने हाजीपुर सीट को लेकर चिराग की दावेदारी को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी सूरत में हाजीपुर से ही 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ूंगा. उन्होंने कहा कि दुनिया इधर से उधर हो जाए लेकिन मेरा फैसला अडिग है. ना तो राज्यसभा जाऊंगा ना ही राज्यपाल बनूंगा, क्योंकि मुझे चुनावी राजनीति में रहना है. मैंने पहले भी कहा है कि मरते दम तक एनडीए के साथ हूं.