केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने उठाई कांवड़ हरिद्वार (उत्तराखंड):'देवभूमि' उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के बावजूद कांवड़ियों के हौसले बुलंद है. हरिद्वार में भारी बारिश भी कांवड़ियों के कदम नहीं रोक पा रही है. बारिश के बीच ही मंगलवार को केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान भी हरिद्वार पहुंचे और वीआईपी घाट से गंगाजल भरकर अपनी कांवड़ यात्रा की शुरुआत की. कांवड़ यात्रा की शुरुआत करते हुए मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि अपनी चार दिवसीय कांवड़ यात्रा के दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) जैसे तमाम मुद्दों पर लोगों से मिलकर फीडबैक लेंगे.
केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान 4 दिन की पैदल यात्रा तय करके मुजफ्फरनगर पहुंचेंगे. इसके बाद शिव चौक पर स्थित भगवान शिव के मंदिर में जलाभिषेक करेंगे. हरिद्वार में कांवड़ यात्रा की शुरुआत करते हुए संजीव बालियान ने कहा कि भगवान भोलेनाथ के भक्तों पर इस बारिश का कोई भी असर नहीं पड़ने वाला है. वह (शिवभक्त) अपनी मस्ती में लीन होकर कांवड़ यात्रा कर रहे हैं. संजीव बालियान ने कहा कि पिछले साल 4 करोड़ से अधिक कांवड़िये धर्मनगरी हरिद्वार आए थे. इस साल खराब मौसम के बावजूद भी यह आंकड़ा पार होता दिखाई दे रहा है.
हरिद्वार से कांवड़ लेकर मुजफ्फरनगर के लिए निकले केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा, 'उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य है, जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने जा रहा है. इसके लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह द्वारा एक कमेटी भी बनाई गई थी, जिसकी फाइल भी तैयार हो गई है. मैंने भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना की है कि वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शक्ति दे कि वह इसे उत्तराखंड में लागू कर पाएं'. उन्होंने आगे कहा, ' उनके कांवड़ यात्रा का मुख्य उद्देश्य यही है कि 4 दिन की इस यात्रा में यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार को खत्म करना और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है'.
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के साथ उनके समर्थक भी कांवड़ लेकर चल रहे हैं.
ये भी पढ़ेंःकितने प्रकार की होती है कांवड़ और क्या हैं इसके नियम, जानिये कैसे करते हैं यात्रा व्यवस्थाओं पर बोले संजीव बालियान:उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ मेले की व्यवस्थाओं पर बोलते हुए संजीव बालियान ने कहा कि सरकार केवल सहयोग करती है. व्यवस्था तो भगवान भोलेनाथ अपने आप बनाते चलते हैं. हरिद्वार से लेकर दिल्ली तक आमजन ने कांवड़ियों के सहयोग के लिए लंगर और प्रसाद वितरण चलाया हुआ है. इसी के साथ कई लोगों ने कांवड़ियों के रुकने के लिए स्थल भी बनाए हुए हैं. जहां शिवभक्त रुकते हैं और विश्राम करते हैं.