वाराणसी:बीएचयू कैंपस स्थित स्वतंत्रता भवन सभागार में जनजाति विद्रोहों पर आधारित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू (Union Minister of Law and Justice Kiren Rijiju) काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) पहुंचे. इस दौरान राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर किरेन रिजिजू ने कहा कि वह भारत तोड़ो यात्रा कर रहे हैं. राहुल गांधी देश को जोड़ने का नहीं बल्कि तोड़ने का काम कर रहे हैं. उनको गंभीरता से न लीजिए, वह हर प्रदेश को दूसरे प्रदेश से तोड़ने का काम कर रहे हैं. भाषा, जाति और धर्म को लेकर भारत को बांट रहे हैं. उनकी बात ही न की जाए.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू कार्यक्रम में किरेन रिजिजू ने कहा कि 'बीएचयू अपने आपमें एक शहर है. इसकी प्रतिष्ठा दुनिया में हर जगह है. मुझे तो यूपी-बिहार के टीचरों ने पढ़ाया है. रामायण का ज्ञान यहीं के शिक्षकों से प्राप्त किया. मैं यहां के लॉ कॉलेज के प्रोफेसरों और छात्रों से कहना चाहता हूं कि आप लोग हिंदी में ही कानून की बाते करें. यहां से आप कहीं ज्यूडिशरी सर्विस में जाएं तो वहां भी सुनवाई और फैसलों को हिंदी में ही बढ़ावा दें.' रिजिजू ने कहा कि 'जब से इस देश का कानून मंत्री बना हूं और हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के जजों और अधिवक्ताओं से मिला हूं तो उनसे यही कहता हूं कि जो अंग्रेजी में बहस करते हैं उसको प्राथमिकता देने की कोई जरूरत नहीं है. किसी को पढ़ाई का विशेष दर्जा मिला तो अंग्रेजी जानने लगा और वह बहुत बड़ा ज्ञानी हो गया. ऐसा बिल्कुल न सोचें. सुप्रीम कोर्ट के कुछ तथाकथित सीनियर वकील यह सोच कर बैठे हैं कि देश का पथ वो लोग निर्धारित करेंगे.'
किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि 'मैं ये मानता हूं कि किसी देश की शुरुआत राजधानी से नहीं सीमाओं से होती हैं. देश राजधानी से नहीं बल्कि सीमाओं को जोड़कर बनते हैं इसलिए गलतफहमी में न रहे. मैं देश के कानून मंत्री के हिसाब से नहीं बल्कि नागरिक के हिसाब से कहता हूं कि जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं तब से स्वदेशी की जागृति फिर से पैदा हुई है.'
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किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि 'संयोग की बात है कि आदिवासियों में मैं पहला व्यक्ति हूं जो देश का कानून मंत्री बना है. इस जिम्मेदारी में हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सहयोग कर रहे हैं. भारत सरकार में ऐसे 3 कैबिनेट मंत्री और 5 राज्यमंत्री हैं यानी कि भारत में इस कम्युनिटी से कुल आठ मंत्री हैं. हमारे जंगलों में जिस परंपरा के साथ आदिवासी रहते हैं वहीं मुख्यधारा है. हम आजादी का अमृत महाेत्सव मना रहे हैं तो इस चीज को देंखें कि हम देश को कहां ले जा रहे हैं.' इससे पहले केंद्रिय मंत्री का बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर स्वागत किया गया.
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