नई दिल्ली :आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के तत्वावधान में शुक्रवार को शहरी गतिशीलता भारत (UMI) सम्मेलन के 14 वें संस्करण का आयोजन किया जा रहा है. इस वर्ष के सम्मेलन का मुख्य विषय सभी के लिए गतिशीलता है जो समान पहुंच उपलब्ध कराने और समावेशी शहरी परिवहन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अपने वर्तमान दूरदर्शी नेतृत्व में देश सब का साथ, सब का विकास (यानी, सभी के साथ और सभी के लिए विकास) के राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. यह दृष्टिकोण समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से विकलांगों, बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों की विभिन्न आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान देता है साथ ही साथ सस्ती और सुलभ परिवहन प्रणालियों के प्रावधान से संबंधित है. इसके अनुसार, लोक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने, प्रौद्योगिकी को अपनाने, विभिन्न मेट्रो रेल घटकों के स्वदेशीकरण और मानकीकरण, सुलभ और अच्छी तरह से जुड़ी एनएमटी सुविधाओं जैसे बड़े पैमाने पर पहल, सभी के लिए गतिशीलता की जरूरतों को सुनिश्चित करने और स्वस्थ और रहने योग्य समुदाय बनाने के लिए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है.
भारत सरकार की राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति (NUTP)- 2006, अन्य बातों के साथ-साथ, शहरी परिवहन से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए राज्य और शहर के स्तर पर क्षमताओं के निर्माण पर बल देती है और समाज के सभी वर्गों के लिए शहरी परिवहन प्रणाली के न्यायसंगत और टिकाऊ विकास के लिए दिशानिर्देश निर्धारित करती है.
एनयूटीपी घोषणाओं के हिस्से के रूप में, मंत्रालय ने शहरी गतिशीलता भारत पर एक वार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन-सह-प्रदर्शनी आयोजित करने की पहल की है, जिसे यूएमआई के नाम से जाना जाता है. सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य उन शहरों में सूचना का प्रसार करना है, जिन शहरों के अधिकारी सम्मेलन में भाग लेते हैं ताकि उन्हें विश्व स्तर पर नवीनतम और सर्वोत्तम शहरी परिवहन प्रथाओं के साथ अपडेट रहने में मदद मिल सके.