नई दिल्ली: केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि स्ट्रीट वेंडर औपचारिक अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ाव के साथ भारत की आर्थिक विकास की कहानी का एक अनिवार्य हिस्सा रहे हैं और सस्ती दरों पर सामान तथा सेवाएं प्रदान करके जीवन यापन की लागत को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. नई दिल्ली में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना और स्वनिधि महोत्सव वेबसाइट की सफलता का जश्न मनाने के लिए सांस्कृतिक उत्सव स्वनिधि महोत्सव (SVANidhi Mahotsav) का शुभारंभ करने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं. इस अवसर पर आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी, अतिरिक्त सचिव संजय कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
मंत्री पुरी ने कहा कि उनका मंत्रालय 'स्वनिधि महोत्सव' का आयोजन कर रहा है. देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 75 शहरों में 09 जुलाई से 31 जुलाई 2022 तक पीएम स्वनिधि योजना और लाभार्थी स्ट्रीट वेंडर्स और उनके परिवारों की सफलता का जश्न मनाने के लिए इस सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि स्वनिधि महोत्सव लाभार्थी स्ट्रीट वेंडर की विकास कहानी और भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को मनाने और पहचानने का त्योहार है.
उन्होंने कहा कि त्योहार का उद्देश्य इन नैनो-उद्यमियों के साथ भारत की आजादी के 75 साल का जश्न मनाना है, क्रेडिट अनुशासन (credit discipline), डिजिटल व्यवहार का प्रदर्शन करने और अपने सूक्ष्म व्यापार कौशल को प्रदर्शित करने के लिए पीएम स्वनिधि योजना के तहत उनकी यात्रा का सम्मान करना है.
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि पीएम स्वनिधि योजना 1 जून, 2020 को शुरू की गई थी, ताकि स्ट्रीट वेंडर्स को उनके व्यवसायों को फिर से शुरू करने में मदद करने के लिए कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा मिल सके, जो कोविड-19 महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए थे. उन्होंने आगे कहा कि यह योजना रेहड़ी-पटरी वालों के वित्तीय समावेशन के लिए पहला व्यापक प्रयास है. उन्होंने कहा कि इस योजना से पहले, स्ट्रीट वेंडर अनौपचारिक क्रेडिट चैनलों पर उच्च ब्याज दर का भुगतान करने पर निर्भर थे.
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अब तक 53.7 लाख पात्र आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें से 36.6 लाख ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं और 33.2 लाख ऋण वितरित किए जा चुके हैं. अब तक वितरित की गई राशि ₹3,592 करोड़ है और लगभग 12 लाख रेहड़ी-पटरी वालों ने अपना पहला ऋण चुका दिया है. केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि यह आयोजन गणमान्य व्यक्तियों और अन्य हितधारकों की सम्मानित उपस्थिति में रेहड़ी-पटरी वालों और परिवारों को शामिल करेगा. उन्होंने स्वनिधि महोत्सव का हिस्सा बनने के लिए देश के रेहड़ी-पटरी वालों का स्वागत किया.
हड़ी-पटरी वालों को दिए गए कर्ज का सिर्फ 12-13 प्रतिशत एनपीए बना
पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि) योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को दिए गए कर्ज में सिर्फ 12-13 प्रतिशत गैर-निष्पादित आस्ति (एनपीए) बना है. इस योजना के तहत एक साल के 10,000 रुपये का गारंटी-मुक्त कर्ज दिया जाता है. कारोबार बढ़ाने को लिए गए पहले कर्ज का भुगतान करने पर दूसरी और तीसरी बार में योजना के तहत क्रमश: 20,000 और 50,000 रुपये का कर्ज दिया जाता है. मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस योजना के तहत अबतक 53.7 लाख आवेदन मिले हैं. इनमें से 36.6 लाख आवेदनों को मंजूरी दी गई है और 33.2 लाख को कर्ज का वितरण कर दिया गया है. बयान में कहा गया है कि योजना के तहत अबतक 3,592 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है. 12 लाख रेहड़ी-पटरी वालों ने अपने पहले कर्ज का भुगतान कर दिया है.
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