जोधपुर. जिले के दो बड़े नेताओं की लड़ाई अब दिल्ली में कोर्ट तक जा पहुंची है. मामला केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच का है. शेखावत जोधपुर से सांसद हैं और गहलोत सूर्यनगरी की सरदारपुरा सीट से विधायक हैं. वहीं, इन दिनों गहलोत लगातार अपने बयानों में प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता से लेकर विकास से जुड़े मुद्दे और संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले मामले में शेखावत की भूमिका को लेकर सवाल कर खड़े करते रहे हैं. ऐसे में शनिवार दोपहर केंद्रीय मंत्री शेखावत दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे, जहां उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुद को लेकर की जा रही बयानबाजी के मामले में मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया.
दरअसल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सीएम अशोक गहलोत के बीच जारी खींचतान बीते दो सालों से चल रहा है. वहीं, मौजूदा समय में बयानबाजी इस हद तक बढ़ गई, नौबत मुकदमे तक गई. शनिवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का दावा पेश करने के बाद शेखावत ने कहा कि चरित्र हनन की पराकाष्ठा हो चुकी है और बेवजह उनके चरित्र पर कीचड़ उछाला जा रहा है.
पहले जोधपुर में सीएम ने खोला मोर्चा - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने जोधपुर के गत दौरे के दौरान ही संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले मामले के पीड़ित लोगों से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने सीधे शेखावत पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह इस मामले में अभियुक्त हैं. एसओजी की जांच में उनका आरोप प्रमाणित भी हो चुका है. गहलोत ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री की पत्नी, पिता और साले का भी इस घोटाले में नाम है. ऐसे में शेखावत को खुद आगे आकर स्थिति साफ करनी चाहिए. गहलोत ने कहा था कि पीएम को भी सोचना चाहिए कि उनकी कैबिनेट में कैसे मंत्री हैं.