विशाखापत्तनम :आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में सिंचाई और जल निकासी पर आयोजित 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में राज्य के मुख्यमंत्री वाईएस जगन रेड्डी (Chief Minister YS Jagan Mohan Reddy) और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union minister Gajendra Singh Shekhawat) ने भाग लिया. सम्मेलन में लगभग 90 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. वहीं केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 250 अरब घन मीटर जल भंडारण क्षमता है.
इस अवसर पर सीएम जगन रेड्डी ने सम्मेलन में भाग लेने वाले राष्ट्रीय और विदेशी प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि एपी को विशाखापत्तनम में ऐसा सम्मेलन आयोजित करने का अवसर मिला. उन्होंने कहा कि पानी की कमी कृषि के लिए एक बड़ी समस्या है. बारिश का समय बहुत कम हो गया है. इस वजह से पानी का उपयोग एक बेसिन से दूसरे बेसिन में किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सम्मेलन में समस्याओं का सर्वमान्य समाधान सुझाया जाना चाहिए.
सीएम जगन ने कहा कि हालांकि राज्य का तटीय क्षेत्र बहुत बड़ा है, लेकिन कम बारिश के कारण रायलसीमा और दक्षिणी तटीय इलाकों को नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि भले ही वंशधारा, नागावली, गोदावरी, कृष्णा और पेन्ना जैसी अंतरराज्यीय नदियां हों लेकिन राज्य भी कम वर्षा और बाढ़ आपदाओं के कारण समस्याओं का सामना कर रहे हैं. सीएम जगन ने कहा कि सूखे की समस्या के समाधान के लिए पानी को एक बेसिन से दूसरे बेसिन में ले जाने की योजना बहुत महत्वपूर्ण है.
सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल संसाधनों के कुशल उपयोग के लिए सर्वोत्तम कृषि पद्धतियां आवश्यक हैं. उन्होंने खुलासा किया कि देश में वर्तमान में 250 अरब घन मीटर जल भंडारण क्षमता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अनेक योजनाओं के माध्यम से क्षमता बढ़ाई जा रही है. उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में जल संसाधनों की सुरक्षा करते हुए जल के पुन: उपयोग और नए प्रबंधन तरीकों के लिए अच्छे समाधान सुझाए जाने चाहिए. केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
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