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राष्ट्रपति पर अपमानजनक टिप्पणी के लिए बंगाल के मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग - टीएमसी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), बीजू जनता दल (बीजेडी) और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ 'अपमानजनक' टिप्पणी करने के लिए पश्चिम बंगाल के मंत्री अखिल गिरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

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Published : Nov 12, 2022, 4:00 PM IST

Updated : Nov 12, 2022, 7:28 PM IST

नई दिल्ली/भुवनेश्वर/कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने वाले पश्चिम बंगाल के मंत्री अखिल गिरि की शनिवार को आलोचना की और उन्हें बर्खास्त करने की मांग की. राष्ट्रपति मुर्मू पर टिप्पणी के बाद केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'मंत्री गिरि की टिप्पणी की जितनी निंदा की जाए कम है. अगर ममता बनर्जी में नैतिकता है या लोकतंत्र पर विश्वास है, तो उन्हें तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने सामंती मानसिकता वाले देश के प्रथम नागरिक का अपमान किया. लोकतंत्र में लिंग और रंग के खिलाफ इस तरह की असहिष्णुता निंदनीय है. कुछ दिन पहले अधीर चौधरी ने भी ऐसा ही किया था. मुझे उम्मीद है कि ममता बनर्जी महिलाओं की प्रतिनिधि होने के नाते कार्रवाई करेंगी.'

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गिरि के बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की और यह स्पष्ट करने को कहा कि किसके इशारे पर उन्होंने इस तरह की 'दुर्भाग्यपूर्ण' और 'अभद्र' टिप्पणी की. मुंडा ने कहा कि उन्होंने 10 करोड़ से अधिक आदिवासियों की भावनाओं को आहत किया है और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को चोट पहुंचाई है. वायरल हुए 17 सेकंड के एक वीडियो में गिरि “राष्ट्रपति के रूप” के बारे में टिप्पणी करते हुए सुनाई दे रहे हैं.

इसी तरह, राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने नयागढ़ जिले में विरोध मार्च निकाला और बंगाल मंत्री का पुतला फूंका. पात्रा ने मांग की, "गिरि के बयान से ओडिशा के लोगों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है. यह न केवल ओडिशा के लोगों का अपमान है, बल्कि यह महिलाओं और पूरे आदिवासी समुदाय का भी अपमान है. मंत्री को कैबिनेट से तुरंत हटा देना चाहिए और गिरफ्तार कर लेना चाहिए."

भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, "पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब राष्ट्रपति मुर्मू के खिलाफ टीएमसी मंत्री अखिल गिरि की टिप्पणी पर कुछ नहीं बोल रहीं हैं. हम उस मंत्री की बात नहीं सुनना चाहते, हम जानना चाहते हैं कि ममता जी कब गिरि को पार्टी से हटाएंगी. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि संविधान के मूल्यों की रक्षा करने का संकल्प लेने वाला एक मंत्री इस तरह का आपत्तिजनक बयान देता है तो उसे निश्चित रूप से बर्खास्त किया जाना चाहिए. भाटिया ने कहा कि ममता बनर्जी को मिसाल कायम करते हुए इस तरह के नेता को अपनी पार्टी से निष्कासित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन जनजातीय समुदाय की एक महिला के खिलाफ गिरि की टिप्पणी ने हर देशवासी की भावनाओं को आहत किया है.

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख सुकांत मजुमदार ने कहा कि गिरि की यह टिप्पणी तृणमूल कांग्रेस की जनजातीय विरोधी मानसिकता को दर्शाती है. भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एंव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी कैबिनेट के मंत्री ने राष्ट्रपति का अपमान किया है. भाजपा विधायक कुसुमु टेटे ने कहा, "एक आदिवासी विधायक के रूप में, मैं बंगाल के मंत्री अखिल गिरी की इस तरह की टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूं. मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अनुरोध करता हूं कि ऐसे मनोरोगी को तुरंत देश से बाहर करें और गिरफ्तार करें क्योंकि उसने भारत के प्रथम नागरिक पर अपमानजनक टिप्पणी की है." उन्होंने आगे कहा कि किसी को भी भारत के राष्ट्रपति पर इस तरह की टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है. टेटे ने भी शिकायत दर्ज कराई थी.

तृणमूल के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने भी स्पष्ट किया कि पार्टी नेतृत्व इस तरह की टिप्पणियों का समर्थन नहीं करता है. सेन ने कहा, "तृणमूल नेतृत्व संविधान और राष्ट्रपति के लिए सबसे अधिक सम्मान करता है. हमारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी महिला सशक्तिकरण की प्रतीक हैं. इसलिए, इस तरह की टिप्पणियों को माफ करने का कोई सवाल ही नहीं है. मंत्री को अपनी गलतियों का एहसास हुआ है और उन्होंने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी है. विपक्ष के नेता पश्चिम बंगाल विधानसभा के शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल ला. गणेशन को पत्र लिखकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर अपनी टिप्पणी के लिए टीएमसी मंत्री अखिल गिरि को बर्खास्त करने की मांग की. उन्होंने कहा, "राज्यपाल फिलहाल राज्य से बाहर हैं. हमारे विधायकों ने उनके लौटने के तुरंत बाद उनसे मिलने के लिए तत्काल समय मांगा है. राष्ट्रपति के बारे में इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद अखिल गिरि को विधायक या राज्यमंत्री के रूप में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है."

बीजेडी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद मुन्ना खान ने भी बंगाल के मंत्री के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा, "राष्ट्रपति पर इस तरह की टिप्पणी करने का अधिकार किसी को नहीं है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. गिरि को मंत्री बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए." कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बाहिनीपति और सुरेश राउतराय ने भी भारतीय संविधान में सर्वोच्च कुर्सी का अपमान करने के लिए अखिल गिरि के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. मंत्री को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और उसे सलाखों के पीछे डालना चाहिए. बाहिनीपति ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री को अपने मंत्री द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी के लिए लोगों से माफी मांगनी चाहिए.

बता दें कि राज्य के सुधार गृह मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता गिरि को शुक्रवार देर शाम नंदीग्राम के एक गांव में एक रैली में कहते सुना गया कि, “उन्होंने (भाजपा) कहा कि मैं अच्छा नहीं दिखता हूं. हम किसी को उसके रूप से नहीं आंकते. हम (भारत के) राष्ट्रपति के पद का सम्मान करते हैं. लेकिन हमारी राष्ट्रपति कैसी दिखती हैं?” इस टिप्पणी के बाद हो रही व्यापक आलोचना के मद्देनजर मंत्री ने माफी मांग ली है.

अखिल गिरि ने ट्वीट कर कहा, 'मैंने कहा 'प्रेसिडेंट', मैंने किसी का नाम नहीं लिया. अगर भारत के राष्ट्रपति अपमानित महसूस करती हैं, तो मुझे खेद है और मैंने जो कहा, उस पर मुझे खेद है. मंत्री ने आगे कहा, 'मैं राष्ट्रपति का सम्मान करता हूं. मैंने पोस्ट का जिक्र किया और शुभेंदु अधिकारी को जवाब देने के लिए तुलना की, मैंने किसी का नाम नहीं लिया. उन्होंने कहा था कि अखिल गिरी दिखने में खराब लगते हैं. मैं एक मंत्री हूं, पद की शपथ ली. अगर मेरे खिलाफ कुछ कहा जाता है, तो यह संविधान का अपमान है.'

(इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Nov 12, 2022, 7:28 PM IST

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