नई दिल्ली/भोपाल: विपक्ष के कई नेताओं ने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें उनके आईफोन में सरकार प्रायोजित सेंधमारी के प्रयास के बारे में एप्पल से चेतावनी संदेश मिला है तथा इस कथित हैकिंग के प्रयास के लिए सरकार जिम्मेदार है. केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया और कहा कि सरकार इसकी गहन जांच कराएगी. मंत्री ने बताया कि ऐसा परामर्श एप्पल ने 150 देशों में जारी किया है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल, शशि थरूर, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत एवं टीएस सिंहदेव, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम को भी इसी तरह का संदेश मिला है.
आईफोन निर्माता एप्पल ने मंगलवार को कहा कि वह विपक्षी दलों के कुछ सांसदों को भेजे गए चेतावनी संदेश को किसी विशिष्ट सरकार-प्रायोजित सेंधमारों से नहीं जोड़ती और वह इस बारे में जानकारी नहीं दे सकती है कि ऐसी चेतावनियों का कारण क्या है. कंपनी ने कहा, 'ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण और अधूरे होते हैं. यह संभव है कि एप्पल के खतरे संबंधी कुछ सूचनाएं गलत चेतावनी हो सकती हैं या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता.' हालांकि, एप्पल ने इस बारे में बताने से इनकार कर दिया कि विपक्षी नेताओं को किस वजह से चेतावनियां मिलीं.
विपक्षी नेताओं को जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'हमेशा की तरह कुछ ही लोग सरकार प्रायोजित हमले पर हंगामा खड़ा कर रहे हैं और खुद को शहीद बताने का नाटक कर रहे हैं… सब अच्छा है… लेकिन संभावना है कि हमेशा की तरह ही इस हंगामे की हवा निकल जाएगी!' उन्होंने कहा, 'एप्पल के स्पष्टीकरण की प्रतीक्षा क्यों न की जाए? या हंगामा खड़ा करने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहते ?'
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि उनकी पार्टी और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के आईफोन को सरकार प्रायोजित हैकर्स द्वारा हैक करने का प्रयास किया गया और यह अडाणी समूह के मामले से ध्यान भटकाने की कोशिश भर है. उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि उद्योगपति गौतम अडाणी देश में नंबर एक हैं और इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का नंबर आता है. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जब भी अडाणी से जुड़ा मामला उठाया जाता है तो एजेंसियों को जासूसी में लगा दिया जाता है.
उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा, 'जितनी टैपिंग करनी है कर लो, हम डरने वाले नहीं हैं.हम लड़ने वाले लोग हैं, हम पीछे हटने वाले नहीं हैं.' महुआ मोइत्रा और प्रियंका चतुर्वेदी इस मुद्दे को उठाने वाली विपक्षी नेताओं में सबसे पहले रहीं. तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोइत्रा ने कुछ स्क्रीनशॉट साझा करते हुए कहा, 'एप्पल से मुझे टेक्स्ट और ईमेल प्राप्त हुआ कि सरकार मेरे फोन और ईमेल को हैक करने की कोशिश कर रही है. एचएमओ इंडिया को बचने का मौका मिल गया. अडाणी और पीएमओ धमकियां देते हैं… आपको ऐसे डरा हुआ देख कर मुझे आप पर दया आती है.'