नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नगरीय बस परिवहन सेवा का विस्तार करने, उसे सुविधाजनक बनाने तथा हरित आवाजाही को बढ़ाने के लिए ‘पीएम-ई बस सेवा’ को मंजूरी दी जिस पर 10 वर्षो में 57,613 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई . इस में उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां व्यवस्थित परिवहन सेवा की कमी है.
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम पर 57,613 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे और 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों की सेवाएं उपलब्ध करायी जायेंगी. यह राशि 10 वर्ष में खर्च की जायेगी . इसके लिए केंद्र सरकार 20 हजार करोड़ रुपये देगी और शेष राशि राज्यों को देनी होगी. ठाकुर ने बताया कि देश में 3 लाख से 40 लाख की आबादी वाले 169 शहर हैं और इस कार्यक्रम के लिए इनमें से ‘चैलेंज मोड’ के आधार पर 100 शहरों का चयन किया जायेगा. ई-बसें सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत इन चुने गए शहरों में परिचालित की जाएंगी.
डिजिटल इंडिया परियोजना के विस्तार को मंजूरी :केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14,903 करोड़ रुपये के व्यय के साथ डिजिटल इंडिया परियोजना के विस्तार को मंजूरी दे दी. केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी गयी. इस पर 14,903 करोड़ रुपये का व्यय होगा." मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया विस्तार के तहत इसके अंतर्गत पूर्व में किये गये कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत 5.25 लाख आईटी पेशेवरों को नई प्रौद्योगिकी के हिसाब से फिर से हुनरमंद बनाया जाए. साथ 2.65 लाख लोगों को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाएगा. विस्तारित डिजिटल इंडिया परियोजना के तहत, राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनसीएम) के तहत नौ और सुपर कंप्यूटर जोड़े जाएंगे. मंत्री ने कहा कि एनसीएम के तहत 18 सुपर कंप्यूटर पहले ही स्थापित किये जा चुके हैं.
'विश्वकर्मा योजना' को मंजूरी : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘विश्वकर्मा योजना को मंजूरी प्रदान कर दी, जिसके माध्यम से गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कामगारों का कौशल विकास किया जायेगा तथा उन्हें ऋृण सुविधा एवं बाजार पहुंच प्रदान करने में मदद की जायेगी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्ण ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. यह योजना 13 हजार करोड़ रुपये की है और इससे 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लाभ होगा.