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मोदी कैबिनेट के बड़े फैसले, ई-बस सेवा पर 57 हजार करोड़ का खर्च और विश्वकर्मा योजना को मंजूरी - ई बस सेवा

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पीएम ई-बस सेवा, डिजिटल इंडिया परियोजना, विश्वकर्मा योजना और रेलवे के सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी. इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी.

Union ministers Anurag Thakur and Ashwini Vaishnav
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर व अश्विनी वैष्णव

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Published : Aug 16, 2023, 3:34 PM IST

Updated : Aug 16, 2023, 5:30 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नगरीय बस परिवहन सेवा का विस्तार करने, उसे सुविधाजनक बनाने तथा हरित आवाजाही को बढ़ाने के लिए ‘पीएम-ई बस सेवा’ को मंजूरी दी जिस पर 10 वर्षो में 57,613 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई . इस में उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां व्यवस्थित परिवहन सेवा की कमी है.

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम पर 57,613 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे और 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों की सेवाएं उपलब्ध करायी जायेंगी. यह राशि 10 वर्ष में खर्च की जायेगी . इसके लिए केंद्र सरकार 20 हजार करोड़ रुपये देगी और शेष राशि राज्यों को देनी होगी. ठाकुर ने बताया कि देश में 3 लाख से 40 लाख की आबादी वाले 169 शहर हैं और इस कार्यक्रम के लिए इनमें से ‘चैलेंज मोड’ के आधार पर 100 शहरों का चयन किया जायेगा. ई-बसें सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत इन चुने गए शहरों में परिचालित की जाएंगी.

डिजिटल इंडिया परियोजना के विस्तार को मंजूरी :केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14,903 करोड़ रुपये के व्यय के साथ डिजिटल इंडिया परियोजना के विस्तार को मंजूरी दे दी. केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी गयी. इस पर 14,903 करोड़ रुपये का व्यय होगा." मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया विस्तार के तहत इसके अंतर्गत पूर्व में किये गये कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत 5.25 लाख आईटी पेशेवरों को नई प्रौद्योगिकी के हिसाब से फिर से हुनरमंद बनाया जाए. साथ 2.65 लाख लोगों को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाएगा. विस्तारित डिजिटल इंडिया परियोजना के तहत, राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनसीएम) के तहत नौ और सुपर कंप्यूटर जोड़े जाएंगे. मंत्री ने कहा कि एनसीएम के तहत 18 सुपर कंप्यूटर पहले ही स्थापित किये जा चुके हैं.

'विश्वकर्मा योजना' को मंजूरी : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘विश्वकर्मा योजना को मंजूरी प्रदान कर दी, जिसके माध्यम से गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कामगारों का कौशल विकास किया जायेगा तथा उन्हें ऋृण सुविधा एवं बाजार पहुंच प्रदान करने में मदद की जायेगी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्ण ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. यह योजना 13 हजार करोड़ रुपये की है और इससे 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लाभ होगा.

उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे कस्बों में अनेक वर्ग ऐसे हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कार्यों में लगे हैं. इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूल का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं. वैष्णव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इन वर्गों का महत्वपूर्ण स्थान है और इन्हें नया आयाम देते हुए मंत्रिमंडल ने ‘विश्वकर्मा योजना’ को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से इस योजना का संकेत दिया था.

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि इसमें इस बात पर ध्यान दिया जायेगा कि इन वर्गों का किस तरह से अधिक कौशल विकास हो तथा नए प्रकार के उपकरणों एवं डिजाइन की जानकारी मिले. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उपकरणों की खरीद में भी मदद की जायेगी. इसके तहत दो प्रकार का कौशल विकास कार्यक्रम होगा जिसमें पहला 'बेसिक' और दूसरा 'एडवांस' होगा. इस कोर्स को करने वालों को मानदेय (स्टाइपंड) भी मिलेगा. मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में एक लाख रुपये का तक कर्ज दिया जायेगा जिस पर रियायती ब्याज (अधिकतम पांच प्रतिशत) देय होगा.

भारतीय रेलवे की 7 मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान कर दी. इस पर करीब 32,500 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा और रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में 2339 किलोमीटर जोड़ा जा सकेगा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई .

प्रस्तावित परियोजना से भारतीय रेलवे की वर्तमान रेल लाइन क्षमता को बढ़ाने, ट्रेन परिचालन को सुगम बनाने, भीड़भाड़ को कम करने तथा यात्रा को आसान बनाने में मदद मिलेगी. देश के नौ राज्यों के 35 शहरों से जुड़ी इस परियोजना से रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में 2339 किलोमीटर जोड़ा जा सकेगा. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 16, 2023, 5:30 PM IST

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