नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दक्षिण भारत के लिए गेटवे माने जाने वाले कर्नाटक से अपने दौरे की शुरुआत की और फिर शाह शुक्रवार को मध्यप्रदेश पहुंचे. यहां उन्होंने कोल जाति महाकुंभ में शामिल होकर जनजातीय समुदाय को संबोधित किया और वोटरों व खासकर जनजातीय समुदाय पर पार्टी के प्रभाव को भांपने की कोशिश की. गुरुवार को ही अमित शाह ने बेल्लारी और संदूर में आयोजित जनसभा को संबोधित कर कर्नाटक चुनाव का आगाज किया था और अब शाह अपने तीन दिवसीय दौरे का समापन बिहार से करेंगे.
बिहार में अमित शाह का दौरा भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. जिस तरह से गठबंधन से अलग होने के बाद से नीतीश कुमार, नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर लगातार निशाना साधते रहे हैं, उसे देखते हुए पार्टी सूत्रों का कहना है कि इसे गृह मंत्री ने एक चुनौती के तौर पर लिया है. इसके साथ ही बीजेपी नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव में उन्हीं के गृहराज्य में पटकनी देने की योजना बना रही है. बिहार में अब बीजेपी विपक्ष में आ गई है, लेकिन लंबे समय तक वह जदयू के साथ गठबंधन में सत्ता चला रही थी.
अब 40 सीटों वाले इस राज्य में बीजेपी विपक्ष में रहते हुए लोकसभा में अच्छी सीटें लाने की तैयारी कर रही है. यहीं नहीं पार्टी के चाणक्य माने जाने वाले शाह बिहार पर विशेष योजना बना रहे हैं. साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिए भी पार्टी कई कार्यक्रम तैयार कर रही है. पार्टी सूत्रों की माने तो विपक्ष में आ जाने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बरकरार रहे इसके लिए भी जल्दी ही कार्यकर्ता सम्मेलन और बजट से संबंधित कई कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं.
बिहार में महागठबंधन से पहले नीतीश के खास माने जाने वाले आर सीपी सिंह और अब उपेंद्र कुशवाहा के अलग होने का पूरा पूरा फायदा बीजेपी उठाना चाहती है. इस वजह से भी शाह का बिहार दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इसी तरह मध्य प्रदेश में भी साल के आखिर में चुनाव होने हैं और लंबे समय से सत्ता में रही बीजेपी हर हाल में यहां समय रहते एंटी इनकम्बेसी को दूर करना चाहती है. इस वजह से भी इन राज्यों पर पार्टी विशेष ध्यान दे रही है.