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Amarnath Yatra 2022: केन्द्रीय गृह सचिव ने अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा संबंधी तैयारियों की समीक्षा की - Union home secretary reviews security preparations

केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला (Union Home Secretary Ajay Bhalla) ने दो वर्ष के बाद शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा संबंधी तैयारियों को लेकर समीक्षा की. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

Amarnath Yatra
अमरनाथ यात्रा (प्रतीकात्मक फोटो)

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Published : May 13, 2022, 7:34 PM IST

नई दिल्ली : दो वर्ष के बाद शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा के लिए शुक्रवार को सुरक्षा संबंधी तैयारियों की केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला (Union Home Secretary Ajay Bhalla) ने समीक्षा की. इस बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पहली ऐसी बैठक थी जिसमें अमरनाथ यात्रा के सभी पहलुओं पर चर्चा हुई. अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, बैठक में हेलिकॉप्टर सेवा, स्वास्थ्य, सड़क, संचार, बुनियादी ढांचे और श्रद्धालुओं को सुरक्षा मुहैया पर चर्चा हुई.

हालांकि यात्रा के लिए आवश्यक कंपनियों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि आज की बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया है.अधिकारी ने कहा, यात्रा से पहले, कुछ और बैठकें होंगी और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अर्धसैनिक बलों की आवश्यक संख्या में कंपनियां निश्चित रूप से तैनात की जाएंगी. बैठक में तीर्थयात्रियों को हर संभव खतरे से बचाने के लिए ड्रोन और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) के इस्तेमाल पर भी विचार-विमर्श किया गया.

गृह सचिव ने अर्धसैनिक बलों और जम्मू कश्मीर प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा संबंधी तैयारियों की समीक्षा की. केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक और सीमा सुक्षा बल (BSF) के महा निदेशक पंकज सिंह और अन्य अधिकारी व्यक्तिगत रूप से बैठक में शामिल हुए वहीं जम्मू कश्माीर के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इसमें हिस्सा लिया.

अधिकारी ने कहा, ड्रोन का इस्तेमाल अमरनाथ यात्रा के हर हिस्से पर कड़ी निगरानी रखने के लिए किया जाएगा. बैठक में चर्चा की गई कि उधमपुर, अनंतनाग, बनिहाल में मार्गों को साफ करने की जरूरत है, क्योंकि आतंकवादी उन सड़कों में तोड़फोड़ करने की कोशिश कर सकते हैं. बैठक में आरएफआईडी टैग के इस्तेमाल पर भी जोर दिया गया. अधिकारी ने कहा, यह सुझाव दिया गया था कि जिस क्षण से यात्री पंजाब-जम्मू सीमाओं के साथ लखनपुर में प्रवेश करेंगे, आरएफआईडी टैग का इस्तेमाल किया जाएगा.

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हाल ही में राज्यों में संपन्न विधानसभा चुनावों के बाद, सीआरपीएफ की 40 सहित अर्धसैनिक बलों की 50 से अधिक कंपनियों को घाटी में फिर से तैनात किया गया है. वहीं पहलगाम और बालटाल यात्रा मार्गों में जम्मू कश्मीर पुलिस के अलावा अर्ध सैनिक बलों के 10,000 जवानों (सौ कंपनी) को तैनात किए जाने की संभावना है. अधिकारी ने कहा, 30 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण सुनिश्चित करने के लिए और सैनिकों की तैनाती को लेकर मंजूरी दी जाएगी.कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से रुकी हुई यात्रा 11 अगस्त तक चलेगी.

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में हाल में निशाना बनाकर लोगों को हत्याओं की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है,जिसे देखते हुए अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा सरकार के लिए काफी अहम है. बृहस्पतिवार को आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की बडगाम जिले में गोली मार कर हत्या कर दी थी. पिछले सात माह में भट्ट आतंकवादियों का निशाना बने दूसरे कश्मीरी पंडित हैं. आतंकवादी अन्य राज्यों के लोगों को भी निशाना बना रहे हैं.

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