मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक नरेंद्र नगर (उत्तराखंड):केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज मध्य क्षेत्रीय परिषद की 24वीं बैठक में बतौर अध्यक्ष शिरकत करने उत्तराखंड के टिहरी जिले के नरेंद्र नगर पहुंचे.इस बैठक में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बैठक मौजूद रहे. वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में जुड़े. बैठक में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और केंद्रीय गृह सचिव, अंतर राज्य परिषद सचिवालय की सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव और राज्य सरकारों तथा केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे.
बैठक में देश की आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा पर चर्चा के साथ ही कई अन्य अहम मुद्दों पर मंथन हुआ. अपने संबोधन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नेकहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्य देश में कृषि, पशुपालन, अनाज उत्पादन, खनन, जल आपूर्ति और पर्यटन का प्रमुख केंद्र हैं. इन राज्यों के बिना जलापूर्ति की कल्पना ही नहीं की जा सकती है. मध्य क्षेत्रीय परिषद के राज्योंं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीम इंडिया के कॉन्सेप्ट को जमीन पर उतारा है.
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बैठक में ये निर्णय लिए गए:गृह मंत्री ने कहा कि बच्चों में कुपोषण की समस्या को पूरी संवेदनशीलता के साथ दूर करना हम सबकी जिम्मेदारी है. शनिवार की बैठक में निर्णय लिया गया कि लाख उत्पादन को Revised Weather Based Crop Insurance Scheme में शामिल करने के लिए ICAR द्वारा अध्य्यन किया जाएगा. इससे लाख उत्पादन से जुड़े किसानों को फायदा होगा. गृहमंत्री ने सहकारिता, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दर और कुपोषण जैसे मुद्दों को प्राथमिकता बताते हुए सभी सदस्य राज्यों से इन पर खास ध्यान देने को कहा.
कोदो और कुटकी को रागी के बराबर एमएसपी:बैठक में कोदो और कुटकी उपज के मूल्य को रागी के MSP के बराबर तय करने का भी निर्णय लिया गया. इस फैसले से देशभर, विशेषकर मध्य क्षेत्रीय परिषद के सदस्य राज्यों के करोड़ों किसानों को फायदा होगा. 5 किमी के दायरे में हर गांव तक बैंकिंग सुविधा, देश में 2 लाख नई PACS के गठन, रॉयल्टी और खनन संबंधित मुद्दों और वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित जिलों में बुनियादी सुविधाओं के निर्माण जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
9 साल में हुई 29 बैठक:2004 से 2014 तक क्षेत्रीय परिषदों की 11 और स्थायी समितियों की 14 बैठकें हुईं, जबकि 2014 से 2023 तक क्षेत्रीय परिषदों की 25 और स्थायी समितियों की 29 बैठकें हुईं हैं. 2004 से 2014 के बीच कुल 570 मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें से 448 को सुलझा लिया गया, जबकि 2014 से 2023 के बीच कुल 1315 मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें से 1157 मुद्दों को सुलझा लिया गया.
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एशियाई खेलों में 100 पदक जीतने पर अभिनंदन प्रस्ताव पारित:केंद्रीय गृह मंत्री के आह्वान पर मध्य क्षेत्रीय परिषद ने एशियाई खेलों में भारत द्वारा पहली बार 100 से अधिक पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने के लिए सभी खिलाड़ियों का अभिनंदन करते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया. मध्य क्षेत्रीय परिषद ने चंद्रयान-3 की शानदार सफलता, G20 सम्मेलन के सफल आयोजन और संसद द्वारा ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किए जाने का भी स्वागत किया.
किसानों को समृद्ध बनाने का संकल्प:केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश के किसानों को समृद्ध बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम के तहत अब देशभर के किसानों का 100 प्रतिशत दलहन, तिलहन और मक्का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर NAFED द्वारा खरीदा जाएगा. मध्य क्षेत्रीय परिषद की भोपाल में 22 अगस्त, 2022 को हुई 23वीं बैठक में लाख के उत्पादन को किसान क्रेडिट कार्ड तथा फसल बीमा योजना में शामिल करने पर चर्चा हुई थी. इसके पश्चात लाख उत्पादन के लिए छत्तीसगढ़ और झारखंड में स्केल ऑफ फाइनेंस निर्धारित कर दिया गया है.
लाख उत्पादन पर लिया ये फैसला:शनिवार को उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि लाख उत्पादन को Revised Weather Based Crop Insurance Scheme में शामिल करने के लिए ICAR द्वारा अध्ययन किया जाएगा. इसके तहत किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जा रहे हैं और इस निर्णय से लाख उत्पादन से जुड़े किसानों को फायदा होगा. भोपाल में हुई पिछली बैठक में कोदो और कुटकी श्रीअन्न (Minor Millets) उपज के लिए बेंचमार्क मूल्य निर्धारण करने संबंधी निर्णय लिया गया था. खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार ने 9 अगस्त, 2023 को इस बारे में आदेश जारी कर दिया. बैठक में कोदो और कुटकी उपज के मूल्य को रागी के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बराबर तय करने का भी निर्णय लिया गया. इस फैसले से देशभर, विशेषकर मध्य क्षेत्रीय परिषद के सदस्य राज्यों के करोड़ों किसानों को फायदा होगा. साथ ही, बैठक में, 5 किमी के दायरे में हर गांव तक बैंकिंग सुविधा, देश में 2 लाख नई PACS के गठन, रॉयल्टी और खनन संबंधित मुद्दों और वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित जिलों में बुनियादी सुविधाओं के निर्माण जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
छात्रों के ड्रॉप आउट पर प्राथमिकता:अमित शाह ने सहकारिता, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दर और कुपोषण जैसे मुद्दों को प्राथमिकता बताते हुए सभी सदस्य राज्यों से इन पर खास ध्यान देने को कहा. उन्होंने बच्चों में कुपोषण दूर करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस समस्या को पूरी संवेदनशीलता के साथ दूर करना हम सबकी ज़िम्मेदारी है.
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सीएम धामी के सुझाव:मुख्यमंत्री धामी ने वैज्ञानिक आधार पर बरसाती नदियों को ग्लेशियर आधारित नदियों से जोड़ने के प्रयासों पर बल दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड से निकलने वाली गंगा, यमुना, काली सहित अनेक बारहमासी नदियां मैदानी क्षेत्रों में लिए जीवन रेखा है. ऐसे में वैज्ञानिक आधार पर बरसाती नदियों को ग्लेशियर आधारित नदियों से जोड़ने का एक प्रयास होना चाहिए. इससे न केवल उत्तराखंड को बल्कि पूरे देश को फायदा होगा. सीएम धामी ने इस कार्य के लिए केंद्र सरकार से तकनीकी व आर्थिक सहयोग दिए जाने पर बल दिया.
सशक्त वेदर फोर कास्टिंग सिस्टम की जरूरत: सीएम धामी ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तराखंड के लिए सशक्त वेदर फोर कास्टिंग सिस्टम और डॉप्लर रडार की जरूरत है क्योंकि अपनी भौगोलिक संचरना के चलते राज्य भूस्खलन, अतिवृष्टि, वनाग्नि, ग्लेशियर खिसकना जैसी आपदाओं से जूझता रहता है. इसके साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित गांवों में बिजली व्यवस्था, मोबाइल कनेक्टिविटी और बैंकिंग सेवा व्यवस्था में सुधार के लिए केंद्र से से सहयोग की आवश्कता है.
25वीं बैठक काशी में रखे जाने का प्रस्ताव: वहीं, अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिषद की 25वीं बैठक काशी विश्वनाथ की नगरी में रखे जाने का प्रस्ताव दिया. वहीं सीएम योगी ने इस मुद्दे को भी उठाया कि हिमालयी राज्यों के साथ कई अन्य राज्यों भी आपदा की समस्या का सामना कर रहे हैं. ऐसे में नदियों के केचमेंट एरिया को सुरक्षित किए जाने के साथ ही नदियों के चैनलाइजेशन की दिशा में पहल होनी चाहिए.
क्या है क्षेत्रीय परिषद की बैठक:क्षेत्रीय परिषद की बैठक में राज्यों के हितों, एक दूसरे के परस्पर सहयोग पर चर्चा होती है. इसमें राज्यों के बुनियादी ढांचे को देखते हुए विकास पर बात होती है. इसके साथ ही खनन, जल आपूर्ति, पर्यावरण और वन के साथ राज्य-पुनर्गठन से सम्बंधित व्यापक मुद्दों चर्चा की जाती है. इसके साथ ही प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT), दूर संचार, इंटरनेट के व्यापक विस्तार तथा क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित आदि पर भी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में चर्चा होती है.