गांधीनगर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि सीमा पर्यटन से सीमा सुरक्षा को बढ़ाने में मदद मिलेगी और नागरिकों को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों से जोड़ेगी और उनके प्रति सम्मान का भाव पैदा करेगी. शाह ने यह बात गुजरात के बनासकांठा जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर नडाबेट में सीमादर्शन (indo-pak border view project) पर्यटन परियोजना का उद्घाटन करने के बाद कही. इस परियोजना में पंजाब में वाघा अटारी सीमा पर होने वाले बीटिंग रिट्रीट की तर्ज पर यहां भी इसे शामिल किया गया है.
शाह ने कहा कि यहां गुजरात में इस प्रकार की पर्यटन परियोजनाएं रोजगार के अवसर पैदा करने में और सीमावर्ती गांवों से लोगों के पलायन को रोकने में मदद करेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा सुरक्षा को बढ़ाने के मकसद से सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए कई पहल की हैं. सीमादर्शन परियोजना उनमें से एक है.
शाह ने कहा, 'सीमा पर्यटन से सीमा सुरक्षा को बढ़ाने में मदद मिलेगी और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों के प्रति लोगों में सम्मान का भाव पैदा होगा. नागरिकों को सुरक्षा बलों से जोड़ने में मदद मिलेगी. मुझे पूरा भरोसा है कि यह परियोजना इन तीनों लक्ष्यों को हासिल करेगी.' शाह ने बाहरी और आंतरिक दोनों प्रकार के दुश्मनों से देश की रक्षा के लिए बीएसएफ के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश अपने परिवारों से हजारों किलोमीटर दूर कठोर परिस्थितियों में तैनात बीएसएफ के जवानों के कारण सुरक्षित है, विकसित हो रहा है और वैश्विक स्तर पर तेजी से आगे बढ़ रहा है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीएसएफ को कई पदक मिले हैं और उसके साथ सर्वोच्च बलिदान की कहानियां जुड़ी हैं. पूरे देश को बीएसएफ की बहादुरी पर गर्व है. उन्हें कहा कि जब आप नडाबेट आएंगे और सीमा पर जाएंगे, तो आपको पता चलेगा कि किन कठिन परिस्थितियों में हमारे सुरक्षा बल काम करते हैं. इससे बच्चों में देशभक्ति की भावना पैदा होगी. शाह ने कहा कि परियोजना के कारण स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और सीमावर्ती गांवों से काम की तलाश में लोगों के पलायन के मुद्दे को हल करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि मैं यह कह सकता हूं कि नडाबेट सीमा पर्यटन परियोजना बनासकांठा जिले के कम से कम पांच लाख लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगी.