नई दिल्ली : पहले कोरोना और अब एक और बीमारी. चीन में बढ़़ रही 'रहस्यमयी' बीमारी को लेकर भारत पहले से ही सतर्क हो गया है. केंद्र सरकार ने राज्यों को अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा करने की सलाह दी है. इस बीमारी को निमोनिया जैसा बताया जा रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों को सलाह जारी करते हुए कहा कि आप अपने यहां की स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा करें और कोविड के संदर्भ में जो भी निगरानी समिति बनाई गई थी, उसके परिचालन को लेकर तैयारी करें. सरकार की ओर से जारी एडवायजरी में कहा गया है कि नई बीमारी भी श्वसन संबंधित है. श्वसन संबंधित बीमारी मुख्य रूप से सार्स -सीओवी2, माइकोप्लाज्मा और इन्फ्लूएंजा की वजह से होती है.
कोविड बीमारी के समय में जिस तरह से अफरा-तफरी मची थी, सरकार नहीं चाहती है कि अगर दोबारा से ऐसी कोई स्थिति आए तो फिर से वही स्थिति बने, लिहाजा पहले से ही सतर्कता भरे कदम उठाए जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी कुछ लोगों ने सरकार को देशहित में अधिक से अधिक सतर्कता बरतने की गुहार लगाई है.
वैसे, आपको बता दें कि चीन में जिस बीमारी का प्रसार बढ़ रहा है, उसके बारे में अभी बहुत कुछ जानकारी नहीं दी गई है. मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कहा जा रहा है कि यह बीमारी बच्चों की श्वसन संबंधित सिस्टम पर अटैक कर सकता है. चीन में अक्टूबर महीने में एच9एन2 वायरस की पुष्टि हुई थी. यह वायरस मुख्य रूप से एवियन इंफ्लूएंजा वायरस है.
मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह बीमारी मानव से मानव के बीच बहुत तेजी से प्रसारित नहीं होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसे इसी कैटेगरी में रखता है. डब्लूएचओ के मुताबिक इसमें मृत्यु दर भी कम है, हां, जानवरों के बीच यह बीमारी फैल सकती है, इसलिए वहां पर निगरानी बरतने की जरूरत है.
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ - ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय ने आईएमए के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ आरवी अशोकन ने बातचीत की. उन्होंने कहा -