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चीन में 'रहस्यमयी' बीमारी के बाद भारत अलर्ट, विशेषज्ञों ने कहा- चिंता की बात नहीं - भारतीय विशेषज्ञ चीनी निमोनिया

Union Health Ministry on mysterious pneumonia : कोरोना के बाद फिर से एक नई बीमारी को लेकर शंका गहराता जा रहा है. इस बार भी बीमारी की शुरुआत चीन से ही मानी जा रही है. यह बीमारी निमोनिया जैसा है. हालांकि, इस बार भारत पहले से ही सतर्क है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को पहले ही सतर्क कर दिया है. विशेषज्ञ भी मानते हैं कि इस नई बीमारी का असर भारत पर बहुत अधिक नहीं पड़ेंगा.

chinese pneumonia
चीन में संदिग्ध बीमारी

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 26, 2023, 4:32 PM IST

नई दिल्ली : पहले कोरोना और अब एक और बीमारी. चीन में बढ़़ रही 'रहस्यमयी' बीमारी को लेकर भारत पहले से ही सतर्क हो गया है. केंद्र सरकार ने राज्यों को अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा करने की सलाह दी है. इस बीमारी को निमोनिया जैसा बताया जा रहा है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों को सलाह जारी करते हुए कहा कि आप अपने यहां की स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा करें और कोविड के संदर्भ में जो भी निगरानी समिति बनाई गई थी, उसके परिचालन को लेकर तैयारी करें. सरकार की ओर से जारी एडवायजरी में कहा गया है कि नई बीमारी भी श्वसन संबंधित है. श्वसन संबंधित बीमारी मुख्य रूप से सार्स -सीओवी2, माइकोप्लाज्मा और इन्फ्लूएंजा की वजह से होती है.

कोविड बीमारी के समय में जिस तरह से अफरा-तफरी मची थी, सरकार नहीं चाहती है कि अगर दोबारा से ऐसी कोई स्थिति आए तो फिर से वही स्थिति बने, लिहाजा पहले से ही सतर्कता भरे कदम उठाए जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी कुछ लोगों ने सरकार को देशहित में अधिक से अधिक सतर्कता बरतने की गुहार लगाई है.

वैसे, आपको बता दें कि चीन में जिस बीमारी का प्रसार बढ़ रहा है, उसके बारे में अभी बहुत कुछ जानकारी नहीं दी गई है. मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कहा जा रहा है कि यह बीमारी बच्चों की श्वसन संबंधित सिस्टम पर अटैक कर सकता है. चीन में अक्टूबर महीने में एच9एन2 वायरस की पुष्टि हुई थी. यह वायरस मुख्य रूप से एवियन इंफ्लूएंजा वायरस है.

मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह बीमारी मानव से मानव के बीच बहुत तेजी से प्रसारित नहीं होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसे इसी कैटेगरी में रखता है. डब्लूएचओ के मुताबिक इसमें मृत्यु दर भी कम है, हां, जानवरों के बीच यह बीमारी फैल सकती है, इसलिए वहां पर निगरानी बरतने की जरूरत है.

क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ - ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय ने आईएमए के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ आरवी अशोकन ने बातचीत की. उन्होंने कहा -

मुख्य रूप से यह एक एवियन फ्लू है, यह बर्ड को प्रभावित करता है, कभी-कभार मानव भी इससे प्रभावित हो सकते हैं. यह हमारे लिए चिंता का कारण नहीं है, क्योंकि यह अलग प्रकार का इंफ्लूएंजा वायरस है. हमारे यहां सालों भर किसी न किसी इंफ्लूएंजा का असर रहता ही है. इसलिए भारत को इससे कोई खतरा नहीं दिख रहा है. बहुत-से-बहुत यह किसी खास एरिया तक फैल सकता है. हमें वहां पर विशेष निगरानी रखनी होगी. साथ ही भारत के पास अलग-अलग किस्म के वैक्सीनेशन प्रोग्राम भी हैं, जो हमारी प्रतिरोधी क्षमता को बनाए रखता है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया -

भारत पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के लिए तैयार है. कोविड के बाद भारत ने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचा को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं. हां, थोड़ी बहुत सतर्कता जरूर बरतने की सलाह दी जाती है, खासकर वन्य जीव प्राणियों को लेकर आपको समन्वय बनाकर रखना होगा.

एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ कोले ने बताया कि स्वास्थ्य को लेकर भारत मानव और वन्य जीव प्राणियों के लिए वन हेल्थ अप्रोच रखता है, इसलिए किसी भी तरह के क्रॉसओवर को हम तुरंत डिटेक्ट कर सकते हैं और उसका प्रसार भी रोक सकते हैं. फिर भी लोगों को सलाह दी जाती है कि जो लोग भी जानवर रखते हैं, उन्हें बार-बार हाथ धोते रहना चाहिए. डॉ कोले ने कहा कि एयरपोर्ट पर सतर्कता और निगरानी बनाए रखने की जरूरत है.

लक्षण- डब्लूएचओ के मुताबिक - फ्लू जैसे लक्षण दिख सकते हैं. आंखों में जलन हो सकती है. श्वसन संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

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