नई दिल्ली :केंद्र सरकार ने मंगलवार को पेट्रोलियम और विस्फोटक क्षेत्रों से संबंधित औद्योगिक सुरक्षा नियमों (industrial safety rules) में बड़े बदलावों की घोषणा की. साथ ही कोविड -19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर औद्योगिक और मेडिकल ऑक्सीजन भरने और भंडारण से संबंधित नियमों को भी सरल बनाते हुए आईएसओ टैंकरों (ISO tankers) के माध्यम से तरल ऑक्सीजन के परिवहन की अनुमति दी.
कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने पेट्रोलियम संयंत्रों की स्थापना, विस्फोटक निर्माण सुविधाओं, खतरनाक सामग्रियों के परिवहन और भंडारण, सिलेंडर भरने और भंडारण परिसर आदि से संबंधित औद्योगिक नीतियों की व्यापक समीक्षा की.
पिछले साल सितंबर में, सरकार ने कोविड -19 से निपटने के लिए कमी वाले क्षेत्रों में चिकित्सा ऑक्सीजन की तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए आईएसओ टैंकरों के माध्यम से तरल ऑक्सीजन के परिवहन की अनुमति दी थी. अब घरेलू क्षेत्रों में आईएसओ कंटेनरों के माध्यम से क्रायोजेनिक संपीड़ित गैसों जैसे ऑक्सीजन, आर्गन, नाइट्रोजन, एलएनजी आदि के परिवहन की अनुमति देने के लिए संशोधित नियमों में प्रावधानों को शामिल किया गया है.
सरकार ने कहा, 'यह तरल ऑक्सीजन को ज्यादा मात्रा वाले क्षेत्रों से कमी वाली जगहों पर ले जाने और सड़क, रेल और जलमार्ग से इन गैसों के परिवहन को बढ़ावा देने में मदद करेगा. यह परिवहन लागत के साथ-साथ समय को भी कम करेगा.'
इसके अलावा, सरकार ने व्यापार करने में आसानी को बढ़ाने के लिए कुछ अन्य नियमों को भी सरल बनाया है. ये नियम मोटे तौर पर तीन क्षेत्रों स्थिर और गतिशील दबाव वाहिकाओं, कैल्शियम कार्बाइड और अमोनियम नाइट्रेट के उत्पादन, भंडारण व परिवहन से संबंधित हैं.
औद्योगिक सुरक्षा नियमों में बदलाव
एसएमपीवी नियमों के मामले में सरकार ने लाइसेंस प्राप्त परिसर के प्रमाणन, परीक्षण, निरीक्षण और सुरक्षा ऑडिट से संबंधित कार्य करने के लिए तीसरे पक्ष यानी जांच एजेंसी की सेवाएं लेने की इजाजत दे दी है. परीक्षण और प्रमाणन के लिए आवश्यक न्यूनतम अनुभव को 10 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष कर दिया.