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UP: गोरखपुर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल का कमरा नंबर 16, जहां रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की पढ़ाई

पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्रावास 'गौतम बुद्धा' का कमरा नंबर 16 पिछले दो दिनों से बेहद खास हो गया है. वजह है कि देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का इस कमरे से नाता जुड़ा हुआ है.

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Published : May 1, 2022, 2:54 PM IST

गोरखपुर:पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्रावास 'गौतम बुद्धा' का कमरा नंबर 16 पिछले दो दिनों से बेहद खास हो गया है. वजह है कि देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का इस कमरे से नाता जुड़ा हुआ है. वह गोरखपुर विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र हैं और 1970-71 के दौरान इसी कमरे में रहकर उन्होंने भौतिक विज्ञान में एमएससी की डिग्री हासिल की थी.

यही नहीं उन्होंने अपनी राजनीतिक गतिविधियों को भी यहां से आगे बढ़ाया था, जो हॉस्टल के कमरे में लगे हुए बोर्ड से प्रदर्शित होता है. इस छात्रावास की तेजी से रंगाई पुताई कराई गई, क्योंकि रविवार यानी आज यहां राजनाथ सिंह आने वाले हैं. दरअसल, गोरखपुर विश्वविद्यालय की ओर से पहली बार पुरातन छात्र सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शामिल होने के लिए आ रहे हैं.

एलमुनाई मीट (पुरातन छात्र सम्मेलन) के संयोजक और गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ महामंत्री व अध्यक्ष रहे डॉ. विभ्राट चंद कौशिक ने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना काल से लेकर अब तक कई गौरवशाली इतिहास को समेटे हुए हैं. जिस दौर में इसकी स्थापना हुई, तब इसका क्षेत्र पूर्वांचल के हिस्सों के साथ ही बनारस से मिर्जापुर तक फैला हुआ था. यही वजह है कि राजनाथ सिंह भौतिक विज्ञान में परास्नातक की शिक्षा लेने गोरखपुर पहुंचे थे. यहां से शिक्षा लेने के बाद वह केबी कॉलेज मिर्जापुर में अध्यापक के पद पर नियुक्त हुए थे.

पुरातन छात्र सम्मेलन में शामिल होंगे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री महावीर प्रसाद, कल्पनाथ राय, गवर्नर सुखदेव प्रसाद जैसे लोगों का नाम जुड़ा है. एक बार फिर देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह विश्वविद्यालय के नाम और कद को बढ़ा रहे हैं. उनके इस आयोजन में मुख्य अतिथि बनकर आने से सभी लोग बेहद खुश हैं. हालांकि, उनका गोरखपुर से बड़ा गहरा लगाव है. मुख्यमंत्री बनने से लेकर केंद्रीय मंत्री रहते उन्होंने गोरखपुर को काफी समय दिया है. यहां के लोगों पर उनकी राजनीतिक कृपा बरसी है. जिसके तहत कई लोग मंत्री और केंद्रीय मंत्री बनने में भी सफल हुए हैं.

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गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना साल 1957 में हुई थी. तब से लेकर आज तक इस विश्वविद्यालय में कभी भी पुरातन छात्र सम्मेलन (एलमुनाई मीट) नहीं हुआ था. पहली बार आयोजित होने जा रहे इस सम्मेलन में ऑनलाइन और ऑफलाइन करीब 23 हजार पुरातन छात्र इससे जुड़ेंगे. शनिवार को विभिन्न आयोजनों के साथ इसकी शुरुआत हो गई. वहीं, राजनाथ सिंह के हाथों रविवार यानी आज इसकी विधिवत शुरुआत होगी और समारोह में राजनाथ सिंह समेत देश के विभिन्न क्षेत्रों में नाम कमाने वाले पुरातन छात्रों को सम्मानित भी किया जाएगा. जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री, गवर्नर, कुलपति, न्यायाधीश, उद्योगपति, राजनेता और मीडिया जगत के लोग भी शामिल होंगे. इस दौरान भूगोल विभाग के 1987 के टॉपर और भारत सरकार के रसायन मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्यरत आरके चतुर्वेदी को टॉपर का गोल्ड मेडल भी दिया जाएगा.

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