नई दिल्ली : नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को आईओटेक वर्ल्ड एविगेशन को नए ड्रोन नियमों के तहत 'फर्स्ट टाइप' (टीसी) प्रमाणपत्र प्रदान किया. नए ड्रोन नियम पिछले साल 25 अगस्त को जारी किए गए थे.
नागर विमानन मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'ड्रोन नियम 2021 के तहत, भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) या एक अधिकृत परीक्षण इकाई की सिफारिश पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) विशिष्ट प्रकार की मानव रहित विमान प्रणाली (ड्रोन) के लिए प्रमाणपत्र जारी करता है.' मंत्रालय ने कहा, 'नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज आईओटेक वर्ल्ड एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और सह-संस्थापक अनूप उपाध्याय को ड्रोन नियम, 2021 के तहत 'फर्स्ट टाइप' प्रमाणपत्र प्रदान किया.'
नए ड्रोन नियम के मुताबिक प्रत्येक ड्रोन की एक पहचान होगी. उसको ट्रैक करना संभव हो पाएगा. अधिकारियों के मुताबिक इन उपकरणों का पंजीकरण अनिवार्य है और एजेंसियां ट्रैकिंग प्रणाली के जरिये संदिग्ध उपकरणों की पहचान कर सकेंगी.
बता दें कि नए ड्रोन नियमों ने विभिन्न मंजूरियों की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया है, जिनमें अनुरूपता का प्रमाणपत्र, रख-रखाव का प्रमाण पत्र, आयात मंजूरी, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, परिचालक परमिट, शोध एवं विकास संगठन की स्वीकृति और विद्यार्थी रिमोट पायलट लाइसेंस शामिल हैं. ड्रोन नियम, 2021 के मुताबिक अन्य स्वीकृतियों जैसे विशिष्ट प्राधिकरण संख्या, विशिष्ट प्रोटोटाइप पहचान संख्या और विनिर्माण एवं उड़ान योग्यता प्रमाण-पत्र आदि को भी समाप्त कर दिया गया है.
नए नियमों के अनुसार 'ग्रीन जोन' में 400 फुट तक और हवाईअड्डे की परिधि से आठ से 12 किलोमीटर के बीच के क्षेत्र में 200 फुट तक ड्रोन उड़ाने की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. 'ग्रीन ज़ोन' का मतलब 400 फुट की लंबवत दूरी तक का हवाई क्षेत्र है जिसे हवाई क्षेत्र के नक्शे में रेड ज़ोन या येलो ज़ोन के रूप में नामित नहीं किया गया है. ड्रोन नियम, 2021 ने ड्रोन के हस्तांतरण एवं पंजीकरण को रद्द करने के लिए आसान प्रक्रिया भी निर्धारित की है.