नई दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज कई अहम फैसले हुए. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (National Commission for Safai Karamcharis) के कार्यकाल को 2025 तक बढ़ाने का फैसला लिया है.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (Indian Renewable Energy Development Agency Limited -IREDA) में 1,500 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी है. इससे IREDA अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को 12,000 करोड़ रुपये उधार दे सकेगा. मंत्रिमंडल के इस निर्णय से इरेडा को 3,500 से 4,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता सृजित करने में मदद मिलेगी.
अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल (anurag thakur union cabinet) ने निर्दिष्ट ऋण खातों में उधारकर्ताओं को छह महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के अनुग्रह भुगतान की योजना (grant of ex-gratia payment) को भी मंजूरी दी है.
सरकार ने बुधवार को कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को ऋण स्थगन से संबंधित प्रतिपूर्ति के रूप में 973.74 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई. इसे महामारी के बीच 2020 में लागू किया गया था. कैबिनेट के फैसले के बारे में अनुराग ठाकुर ने बताया कि बजट में निर्दिष्ट ऋण खातों में उधारकर्ताओं को छह महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के अनुग्रह भुगतान की योजना के लिए 5,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
एसबीआई को आर्थिक मदद
5500 करोड़ रुपये में से 4,626 करोड़ रुपये का भुगतान 2020-21 में किया गया था. अतिरिक्त 1,846 करोड़ रुपये का दावा लंबित है. अनुराग ठाकुर ने बताया कि इसके निपटान के लिये केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बकाया भुगतान को लेकर शेष राशि 973.74 करोड़ रुपये एसबीआई को देने को मंजूरी दी है. उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कोविड संकट को देखते हुए 27 मार्च, 2020 को विभिन्न अवधि के कर्ज की किस्त लौटाने को लेकर मोहलत दी थी. यह मोहलत उन किस्तों के लिये दी गयी थी, जो एक मार्च से 31 मई, 2020 के चुकाई जानी थी. बाद में इसे बढ़ाकर 31 अगस्त तक कर दिया गया था.
वित्तीय और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों से मोहलत अवधि के दौरान 30 नवंबर, 2020 तक दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर लिये गये चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के बराबर राशि संबंधित खातों में जमा करने को कहा गया था. वित्त मंत्रालय ने कहा था कि इस राशि को संबंधित खातों में डालने के बाद वित्तीय संस्थान केंद्र सरकार के समक्ष उसके भुगतान के लिये दावा करेंगे. दावा राशि के भुगतान के लिये एसबीआई को नोडल एजेंसी बनाया गया था.