नई दिल्ली : सरकार ने 2021 से 26 तक पांच वर्ष की अवधि में 4,797 करोड़ रुपये की लागत से जारी पृथ्वी विज्ञान से संबंधित पांच उप-योजनाओं वाली एक व्यापक पहल पृथ्वी विज्ञान को शुक्रवार को मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उप-योजनाओं को जोड़ने करने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के प्रस्ताव को मंजूरी दी.
इन योजनाओं में 'जलवायु अनुसंधान-प्रारूप निरीक्षण प्रणाली और सेवाएं', 'महासागर सेवाएं, प्रारूप अनुप्रयोग, संसाधन एवं प्रौद्योगिकी', 'ध्रुवीय विज्ञान और क्रायोस्फीयर अनुसंधान' 'भूकंप विज्ञान और भूविज्ञान' और 'अनुसंधान, शिक्षा, प्रशिक्षण एवं आउटरीच' शामिल हैं. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'पृथ्वी विज्ञान व्यापक योजना विभिन्न एमओईएस संस्थानों में एकीकृत बहु-विषयक पृथ्वी विज्ञान अनुसंधान और नवीन कार्यक्रमों के विकास को सक्षम बनाएगी.'
मंत्रिमंडल ने अयोध्या हवाई अड्डे का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अयोध्या हवाई अड्डे का नाम 'महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा, अयोध्याधाम' करने के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने का भी निर्णय लिया गया. मोदी ने 30 दिसंबर को हवाई अड्डा का उद्घाटन किया था.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, 'हवाई अड्डे का महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्याधाम' नाम महर्षि वाल्मीकि को श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने रामायण महाकाव्य की रचना की थी. इस नाम से हवाई अड्डे की पहचान में एक सांस्कृतिक भाव भी जुड़ गया है.' विज्ञप्ति के अनुसार, अयोध्या की आर्थिक क्षमता और वैश्विक तीर्थस्थल के रूप में इसके महत्व को समझने, विदेशी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए दरवाजे खोलने के लिए अयोध्या हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देना बहुत महत्वपूर्ण है.