नई दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कई बड़े फैसले (Union Cabinet decisions) किये. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम गति शक्ति ढांचे को लागू करने के लिए रेलवे की भूमि के दीर्घकालिक पट्टे पर नीति (Railways long term Land lease policy) को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने पीएम गति शक्ति फ्रेमवर्क को लागू करने के लिए रेलवे की नई लैंड लीज पॉलिसी को संयोजित करने के लिए रेल मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में 300 कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे. इसमें कार्गो से संबंधित गतिविधियां हों, पब्लिक यूटिलिटी, रेलवे के एक्सक्लूजिव इस्तेमाल में संशोधन किए गए हैं. ये संशोधन रेलवे की भूमि नीति में बुनियादी ढांचे को और अधिक कार्गो टर्मिनल के एकीकृत विकास को बढ़ावा देगी. इस संशोधन में प्रति वर्ष भूमि के बाजार मूल्य के 1.5 फीसदी की दर से 35 वर्ष की अवधि तक कार्गो के लिए और कार्गो से संबंधित गतिविधियों के लिए रेलवे की भूमि की लॉन्ग टर्म लीजिंग का प्रावधान किया गया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों में 300 से ज्यादा पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे. 1,25,000 से ज्यादा रोजगार के अवसर इसमें होंगे. इससे माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी भी होगी. पीएम गति शक्ति ढांचे को लागू करने के लिए रेलवे की जमीन को दीर्घावधि पट्टे पर देने की नीति अगले 90 दिनों में लागू होगी. पीपीपी मोड पर स्कूल भवन और हॉस्पिटल बनाने के लिए जमीन का इस्तेमाल किए जा सकेगा. सोलर प्लांट बनाने के लिए कम कीमत पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी. लीज की लंबी अवधि से निवेश बढ़ेगा.
वहीं दूसरी ओर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि कैबिनेट की बैठक में पीएम-श्री स्कूलों की स्थापना के लिए एक नई योजना शुरू करने को भी मंजूरी दी गई है. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "देश के 14,000 से अधिक केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों को मजबूत बनाते हुए पीएम-श्री स्कूलों के रूप में विकसित किया जाएगा. पीएम-श्री स्कूलों में शिक्षा देने का तरीका आधुनिक, परिवर्तनकारी और समग्र होगा, जिसमें अनुसंधान करने और सिखाकर पढ़ाने वाले तरीकों पर जोर दिया जाएगा.
पीएमश्री स्कूल योजना को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 'प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया' (पीएम-श्री) योजना को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके तहत देशभर में 14,597 स्कूलों को आर्दश विद्यालय के रूप में विकसित व उन्नत किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई . बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान एवं अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि पीएम-श्री स्कूल योजना को 2022-2027 तक पांच वर्षों की अवधि में लागू किया जायेगा. इस पर 27,360 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे जिसमें केंद्र की हिस्सेदारी 18,128 करोड़ रूपये होगी. इससे 18 लाख छात्रों को फायदा होगा. खास बात यह है कि ये सभी स्कूल सरकारी होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा. इस योजना के तहत सरकार प्रत्येक प्रखंड स्तर पर कम से कम एक आदर्श विद्यालय विकसित करना चाहती है. इसकी निगरानी के लिए पायलट परियोजना के आधार पर ‘पीएम-श्री’ स्कूलों में विद्या समीक्षा केंद्र की शुरुआत की जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर पांच सितंबर को इसकी जानकारी देते हुए कहा था, "शिक्षक दिवस पर मैं एक नयी पहल की घोषणा कर रहा हूं. प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) के तहत देश भर में 14,500 स्कूलों को विकसित व उन्नत किया जाएगा. ये सभी मॉडल स्कूल बनेंगे और इनमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पूरी भावना समाहित होगी."
प्रधानमंत्री ने कहा था कि पीएम-श्री स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने में एक आधुनिक, परिवर्तन लाने वाला और समग्र तरीका होगा तथा इनमें खोज उन्मुख और सीखने को केंद्र में रखकर शिक्षा प्रदान करने के तरीके पर जोर रहेगा. उन्होंने कहा था, "इसमें नवीनतम तकनीक, स्मार्ट कक्षा, खेल और आधुनिक अवसंरचना पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा."
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने शिक्षा क्षेत्र में व्यापक बदलाव किए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘पीएम-श्री’ स्कूल देश भर के लाखों छात्रों को फायदा पहुंचाएंगे. आदर्श विद्यालय में सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित, प्रोत्साहित करने वाले शैक्षिक वातावरण में सीखने एवं विविध अनुभव प्रदान करने वाली अच्छी ढांचागत व्यवस्था एवं समुचित संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही गई है . इसमें स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाना तथा बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जायेगा तथा शिक्षा तक पहुंच सुगम बनाकर स्कूल बीच में छोड़ने को हतोत्साहित किया जायेगा.
ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन में मदद करेंगे और अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के अनुकरणीय विद्यालयों के रूप में उभरेंगे . इन स्कूलों में अपनायी जाने वाली शिक्षा व्यवस्था अधिक प्रायोगिक, समग्र, एकीकृत, वास्तविक जीवन की स्थितियों पर आधारित, जिज्ञासा एवं शिक्षार्थी केंद्रित होगी. इनमें स्मार्ट कक्षा, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला आदि सभी सुविधाएं होंगी.