नई दिल्ली :संघ स्तर पर तीन फंड या खाते (Three funds or accounts at the federal level) होते हैं जिसमें भारत की समेकित निधि, भारत की आकस्मिक निधि और भारत के लोक खाते हैं. केंद्र सरकार की सभी प्राप्तियों और संवितरणों को इन तीन निधियों (All receipts and disbursements will be credited to these three funds.) या खातों से ही दिखाया जाता है.
भारत की समेकित निधि और भारत के लोक लेखा भारतीय संविधान (Public Accounts Indian Constitution) के अनुच्छेद 266 में अपना अस्तित्व रखते हैं. भारत की आकस्मिक निधि का अस्तित्व अनुच्छेद 267 के कारण हैं जो बैठक के लिए भारत के राष्ट्रपति के निपटान में एक आकस्मिक निधि को अग्रदाय के रूप में रखता है. जबकि सरकार द्वारा प्राप्त सभी राजस्व इसके द्वारा उठाए गए ऋण और इसके द्वारा दिए गए ऋणों की वसूली से प्राप्तियां, एक साथ भारत की संचित निधि का निर्माण करती हैं. भारत सरकार द्वारा या उसकी ओर से प्राप्त अन्य सभी सार्वजनिक धन को इसमें रखा जाता है. यह भारत का सार्वजनिक खाता है.
अनुच्छेद 266 का खंड 2 कहता है कि भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार द्वारा या उसकी ओर से प्राप्त अन्य सभी सार्वजनिक धन को भारत के सार्वजनिक खाते या राज्य के सार्वजनिक खाते में जमा किया जाएगा. दूसरे शब्दों में सरकार द्वारा ट्रस्ट में रखा गया सारा पैसा भारत के सार्वजनिक खातों में रखा जाता है. इसमें अन्य बातों के अलावा भविष्य निधि और लघु बचत संग्रह शामिल हैं.